बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात बन गई है। लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 16 सीटें मिलेंगी, जो बीजेपी से एक ही कम है। मतलब बीजेपी को 17 सीटें मिलेंगी। प्रस्तावित फॉर्मूले के मुताबिक लोकसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी बराबर सीटों पर जबकि विधानसभा चुनाव में जेडीयू बीजेपी से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
सीटों की संख्या को लेकर अभी थोड़ा संशय इसलिए है क्योंकि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का रुख अभी साफ नहीं है। एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा के सामने 2 सीटों का प्रस्ताव रखा है जबकि रामविलास पासवान की पार्टी को 4 सीटें दी जा रही हैं। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो बीजेपी-जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। अगर उपेंद्र कुशवाहा एनडीए छोड़ते हैं तो ये संख्या 18-18 भी हो सकती है।
हालांकि जेडीयू के एक शीर्ष सूत्र ने बताया है कि जब भी जेडीयू और बीजेपी के बीच सीटों का बंटवारा होगा, तो बराबरी पर ही होगा। पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से 31 पर एनडीए ने सफलता पाई थी जिसमें 22 सीटें बीजेपी, 6 सीटें लोक जनशक्ति पार्टी और 3 राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी को मिली थी।
अकेले चुनाव लड़ रही जेडीयू को महज 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। ऐसे में जेडीयू 2 सीटों से बढ़ कर 17 या 18 सीटों पर चुनाव लड़ती है तो सबसे ज्यादा पांच सीटों का नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते सीटों के तालमेल का ऐलान कर दिया जाएगा।