बिहार में बर्ड फ्लू (Bird Flu) ने दस्त दे दी है। सुपौल के सदर थाने के छपकाही गांव के कुच वार्डों से लिए गए सैंपलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। यहां कुछ दिनों पहले पहले अचानक कौओं और मुर्गियों की मौत के बाद सैंपलों की टेस्टिंग की गई, जिसमें बर्ड फ्लू का मामला सामने आया।
मुर्गे-मुर्गियों को मारने का काम शुरू
बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद पशुपालन विभाग अलर्ट हो गया। प्रशासन ने छपकाही गांव में 1 किमी क्षेत्र के अंदर मुर्गे-मुर्गियों को मारने का काम शुरू कर दिया है ताकि बर्ड फ्लू का वायरस अन्य इलाकों में ना फैले। छपकाही गांव के 9 किमी क्षेत्र के दायरे में जांच भी शुरू कर दी गयी है।
मुर्गी पालकों को मुआवजा देगा पशुपालन विभाग
छपकाही गांव को बर्ड फ्लू का केंद्र माना गया है। इसके 1 किमी की परिधि में सभी गांवों के मुर्गे, मुर्गियों को मारा जा रहा है। पशु पालन विभाग के निदेशक के आदेश पर सुपौल के डीएम कौशल कुमार और एसपी डी अमर्केश ने संयुक्त निर्देश जारी कर 4 रैपिड रिस्पांस टीम का गठन कर दिया है। अधिकारियों की मानें तो जिनकी मुर्गे-मुर्गियों को मारा जाएगा। उन्हें इसके लिए मुआवजा भी दिया जाएगा।
छटपटाकर मर रहे हैं पक्षी
बता दें कि छपकाही गांव में लोगों ने मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को छटपटाकर मरते हुए देखा। इस दौरान कुछ कौवे भी मरे पाए गए। ग्रामीणों की सूचना के बाद पशुपालन विभाग की टीम गांव पहुंची और सैंपल की टेस्टिंग की, जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।
क्या है बर्ड फ्लू?
बर्ड फ्लू इन्फ्लूएंजा टाइप-ए H5N1 वायरस है। यह वायरल पक्षियों से इंसानों में फैल जाता है। WHO की एक रिपोर्ट की मानें तो H5N1 के कारण संक्रमित लोगों में मृत्यु दर लगभग 60 प्रतिशत है। यानी इस बीमारी का मॉर्टालिटी रेट कोरोना वायरस से भी ज्यादा है। H5N1 वायरस के खतरे से बचने के लिए इंसानों को पक्षियों के साथ सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए।