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हिन्दुत्व का राग अलापने वाली भाजपा को मां थावे वाली की याद नहीं

जनगणना के अनुसार यादव, अल्पसंख्यक महागठवंधन की तरफ दिख रहे है देखना है कि थावे वाली मां की धरती पर जातीय समीकरण कितना सफल होता है।

गोपालगंज : छ: विधानसभा वाला गोपालगंज लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 59 हजार 72 है। वैकुंढपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, हथुआ, एवं भौरे विधानसभा क्षेत्र है। वर्तमान में याहं के संासद जनक राम हैं। मगर यह सीट जदयू कोटे में जाने के वाद गोपालगंज के प्रसिद्व चिकित्सक आलोक कुमार सुमन जदयू प्रत्याशी हैं। वहीं महागठवधन से राजद प्रत्याशी सुरेन्द्र राम उर्फ महान हैं।

एनडीए अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमीत शाह जदयू दलित प्रकोष्ट के नेता मुख्यंत्री नीतीश कुमार उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी चुनावी प्रचार कर चुके है वहीं महागठवधन के लिए तेजस्वी यादव उपेनद्र कुशवाहा जीतन राम मांझी मुकेश सहनी चुनावी सभाकर चुके हैं। अगर स्थानीय लोगों का कहना है कि गोपालगंज सुरक्षित सीट होनरे के वावजूद भी यहा के गराबों की स्थिति ज्यों का त्यों बना हुआ है। हर पांचवें साल में यहां के पार्टियों उम्मीदवार बदल देते है।

उम्मीदवार भी सोचतो है कि पुन: चुनाव नहीं लडऩा है जो कमाना है कमा लें। वहीं गोपालगंज शहर से दुर 10कि.मी. पर स्थित प्रख्यात थवे मंदिर है जहां प्रदेश क अन्य प्रदेश से लोग दर्शन को पहुंचते है लेकिन पर्यटकों के लिए कोई सुविधा नहीं। सफाई योजना टॉय-टॉय फिस है। भाजपा सांसद जिताने के वावजूद भी केन्द्र सरकार की नजर यहां नहीं पहुंची।

न हीं प्रधानमत्री नेरन्द्र मोदी जो मां का भक्त है पर थावे वाली मां पर उनकी नजर नहीं गया। मंदिर उत्थान के लिए कोई नेता नहीं आगे आये। मिला जुलाकर सभी धर्म के लोगों का कहना है कि हमलोग पांच साल में वोट दे देते है । केन्द्र के नेताओं से अपील है कि थावे वाली मां को विश्व पटल पर रखा जाय। जातिय जनगणना के अनुसार यादव, अल्पसंख्यक महागठवंधन की तरफ दिख रहे है देखना है कि थावे वाली मां की धरती पर जातीय समीकरण कितना सफल होता है।

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