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भाजपा-जदयू सरकार मजदूरो की सुध नहीं ले रही है:मंजुबाला पाठक

बिहार महिला कांग्रेस प्रदेश पुर्व उपाध्यक्ष मंजुबाला पाठक ने कहा कि मजदूरों को दूसरे राज्यो से बिहार सरकार वापस क्यों नही बुला रही समझ से परे है।अब जब पूरी देश की सरकारों ने अपने लोगो को दूसरे राज्यो से बुलाने का कार्य शुरू कर दिया है।

पटना, (पंजाब केसरी) :बिहार महिला  कांग्रेस प्रदेश  पुर्व उपाध्यक्ष मंजुबाला पाठक  ने कहा कि  मजदूरों को दूसरे राज्यो से बिहार सरकार वापस क्यों नही बुला रही समझ से परे है।अब जब पूरी देश की सरकारों ने अपने लोगो को दूसरे राज्यो से बुलाने का कार्य शुरू कर दिया है।  बिहार की भाजपा-जदयू सरकार अभी भी मजदूरो की सुध नही ले रही। बिहार सरकार की लेट लतिफी ऑर अस्पष्ट रवैया समझ से परे है। कुछ दिन पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री का बयान आया था जिसमे उन्होंने कहा कि हमारे पास संसाधनों की कमी है इसलिए हम मजदूरों को वापस नही बुला सकते। ये बयान जितना हास्यास्पद है उतना ही शर्मनाक। फिर आप जो विकास के ढोल पीटते हो उसकी तो कलई आपने खुद ही खोल दी। 1 मई को मजदूर दिवस मनाया गया,और ये कहानी मजदूरों की स्थिति की बानगी करता है। मजदुर देश के आधारभूत संरचना होते हैं ऑर देश और राज्य के विकास में इनका अतुलनीय योगदान रहता हैं। ये अपने मेहनत ऑर पसीने से देश को सिंचतें हैं और खुद तपती आग ऑर धुप में रहकर देश को छांव ऑर राहत देते हैं। हमारे बिहार राज्य के मजदूर लगभग हर राज्य में हैं और पिछले लगभग 2 महीने से तालाबंदी की वजह से उनकी आमदनी भी बंद है। ऐसे में हर राज्य सरकार अपने मजदूरो को उनके घर पहुचाने का कार्य कर रही है। ऐसे समय मे बिहार की नीतीश सरकार अपने दायित्वो से भागने का कार्य कर रही है। सरकार का मूल कर्तव्य ही है अपने लोगो की रक्षा सुरक्षा करना। अब ऐसे समय मे झारखंड सरकार से बिहार सरकार को कुछ सीखने की आवश्यक्ता है। जिन्होंने  मजदूरों का न सिर्फ मुफ्त में घर तक पहुंचवाने का कार्य किया है बल्कि उनको मुफ्त जांच की भी व्यवस्था की जिसकी वजह से लोग सही सलामत अपने घर तक पहुंच सके। बिहार सरकार का ये रवैया लोकतंत्र के लिए घातक है।  
यहीं हाल छात्रों का भी हैं।कुछ छात्र कोटा तो कुछ दिल्ली में फंसे हुए है। छात्र रो रोकर बिहार सरकार से मदद हेतु ट्वीट कर रहें हैं परन्तु बिहार सरकार अपने ही यूवावों ऑर छात्रों के सामने निरीह बनी हैए परन्तु उसी कोटा में फंसे अपने सत्ता के सहयोगी विधायक के बेटी को वापस लाने के लिए पास निर्गत करती हैं। लोकतंत्र में ये भेदभाव सर्वथा अनुचित हैं। सरकार को ये कत्तई नही भूलना चाहिए कि ये वही बच्चे हैं जो बिहार का सम्मान पूरे देश की नजऱों में स्थापित करते है। छात्र देश का भविष्य होता है। अब सरकार का फर्ज है कि वो बच्चों को उनके मां बाप से मिलाने का कार्य करे।

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