बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग पर बीजेपी नेताओं के प्रतिरोधी बातों का जदयू ने कड़ा विरोध किया है। जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणवीर नंदन ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के कई नेता बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के सीधे समर्थन में नहीं दिख रहे हैं, जो उनकी जनता के प्रति जिम्मेदारी से बचने का नजरिया दिखा रहा है।
बिहार के बचाव के लिए किसी सरकार ने कुछ नहीं किया
उन्होंने कहा कि बिहार का बंटवारा जब हुआ तो उसका आधार भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में तैयार हुआ लेकिन उसके बाद प्राकृतिक संसाधनों से मरहूम हुए बिहार के बचाव के लिए किसी सरकार ने कुछ नहीं किया। डॉ. नंदन ने कहा कि जदयू की एनडीए में मौजूदगी के कारण अटल जी की सरकार में बिहार को आगे बढ़ाने की योजनाएं तो जरूर बनीं लेकिन उन्हें पूरा कराने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं हुए।
इसके बाद यूपीए 10 साल सत्ता में रहा और बिहार को अपने हाल पर ही छोड़ दिया गया। 2014 में फिर भाजपा की अगुवाई में सरकार बनी। 2015 में प्रधानमंत्री ने अपने मुंह में सवा लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा कर गए लेकिन बिहार को मिला कुछ नहीं। बिहार ने जो भी हासिल किया वो सिर्फ माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के कुशल प्रबंधन और दूरदर्शी सोच के कारण किया है।
भाजपा ने बिहार के बंटवारे को मंजूरी दी
डॉ. नंदन ने कहा कि लोकसभा और दूसरे मंचों पर बिहार के ही नेता जब बिहार के पिछड़ेपन में अपनी जिम्मेदारी से बचते दिखते हैं तो अफसोस होता है कि जिस भाजपा ने बिहार के बंटवारे को मंजूरी दी, उसी भाजपा के नेताओं को अब बिहार के जनता की चिंता नहीं रही। कहा जा रहा है कि बिहार सरकार योजनाएं बनाए, केंद्र राशि का आवंटन करेगा। लेकिन बिहार की जनता जो कह रही है कि विशेष राज्य का दर्जा दीजिए, उसके मुताबिक सहूलियतें दे दीजिए, बिहार सबसे आगे होकर दिखाएगा।
डॉ. नंदन ने कहा कि अगर विशेष राज्य का फार्मूला बिहार भाजपा के नेताओं को समझ नहीं आ रहा है तो इतना ही करा दें कि झारखंड के बंटवारे से जो बिहार को नुकसान हुआ है, उसी की भरपाई केंद्र सरकार कर दे। लेकिन बिहार के विकास का सपना अगर पूरा करना है तो दूरदर्शी बनना होगा। विशेष राज्य का दर्जा कोई जिद नहीं है, यह जरूरत है और अधिकार भी।
नीतीश कुमार के प्रयासों में सहयोग दें
प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि बिहार के औद्योगिक विकास के लिए केंद्र सरकार को अब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे देना चाहिए। अभी केंद्रांश से जो राशि आती है, वह सरकार की ओर से चल रही योजनाओं में खर्च होती है। राज्य को अपने कोष पर भार अधिक है। अभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं में केंद्र की ओर से 60 फीसदी और राज्य की ओर से 40 फीसदी का योगदान देना होता है। अगर विशेष राज्य का दर्जा मिला तो यह औसत 90 फीसदी और 10 फीसदी का होगा। राज्य के कोष पर भार कम होगा तो सरकार भी नए योजनाओं को शुरू कर लोगों को एक बेहतर भविष्य निर्माण की दिशा में लेकर जाएगी।
प्रो. नंदन ने प्रदेश के तमाम राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि वे विकसित प्रदेश को बनाने के सीएम नीतीश कुमार के प्रयासों में सहयोग दें। राजनीति अपनी जगह है, लेकिन प्रदेश विकसित होगा, तभी लोगों का जीवन सुगम होगा। उन्होंने एनडीए में सहयोगी भाजपा के नेताओं और मंत्रियों से कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट पर मंथन करें। इसमें सरकार का सहयोगी बनें। प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाएं। आपसी बयानबाजी करने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है।