लोक जनशक्ति पार्टी में टूट की खबर आ रही है। चिराग पासवान के खिलाफ बगावत हुई है। पार्टी के 6 में 5 सांसदों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान के खिलाफ बगावत की है।
लोक जनशक्ति पार्टी के 5 सांसदों ने पार्टी प्रमुख और सांसद चिराग पासवान के नेतृत्व से अलग होने का फैसला कर लिया है। यह एलजेपी में बड़ी फूट की तरफ अंदेशा लगाया जा रहा है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार पशुपति पारस लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता बनाए गए हैं। लोक सभा के स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर इसके बारे में सूचना दी गई है। वही खबर है कि वे पांचों सांसद जेडीयू ज्वॉइन कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के 5 सांसदों ने चिराग पासवान से अलग होने का फैसला लिया है। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, चिराग अकेले रह गए हैं। पहले चार सांसदों के अलग होने की खबर आई थी। भाई प्रिंस के भी अलग होने की खबर है। चिराग के चाचा पशुपति पारस को अगुआई में यह टूट हुई है। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस होंगे।
एलजेपी पार्टी के वैशाली सांसद, रामविलास पासवान के भाई और चिराग के चाचा पशुपति पारस देर रात दिल्ली में जेडीयू सांसद ललन सिंह से मिले हैं। चिराग को छोड़ सभी सांसदों ने पशुपति कुमार पारस को नेता माना है। पशुपति कुमार पारस को प्रिंस पासवान, वीणा सिंह, चंदन कुमार और महबूब अली कैसर ने नेता माना है. एलजेपी के इकलौते विधायक राजकुमार सिंह जेडीयू में शामिल हो चुके हैं।
इंतजार तो बस उस वक्त का था जब ये सांसद ये बड़ा कदम उठाते और चिराग पासवान को फिर बीच राजनीतिक मझधार में छोड़ देते। अब वो कदम उठा लिया गया है और एलजेपी के सामने बड़ा सियासी संकट खड़ा हो गया है। वैसे भी बिहार विधानसभा चुनाव में एलजेपी ने जब बीजेपी-जेडीयू से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तभी से सीएम नीतीश कुमार और उनके पार्टी के लोग चिराग से नाराज चल रहे थे। चुनाव के नतीजों ने भी साफ कर दिया कि चिराग की पार्टी की वजह से ही कई जगहों पर जेडीयू की सीटें कम पड़ गई। अब इतना सब कुछ होने के बाद अगर एलजेपी के पांच सांसदों ने जेडीयू ज्वाइन कर ली, तो ये चिराग के लिए बड़ी किरकिरी साबित होगी।