कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह कुशवाहा ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट पूरी तरह इस वर्ष भी लोकलुभावन रहा बजट में जो सुधार होने की जरूरत थी वह नहीं हो सकी। बजट का वित्तीय घाटा इस साल भी सुधार की श्रेणी से बाहर रहा पिछले वर्ष की तरह इस साल भी 5.9 प्रतिशत का उच्चतम बरकरार रखा गया। विश्व स्तर पर पांचवी अर्थव्यवस्था होने के बावजूद भी सुधार नहीं हुआ लोकलुभावन जनमानस के बाहवाही के लिए बजट बनाया गया है। खेती से जुड़े स्टार्टअप योजना पर इस साल भी सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की गई है। क्योंकि इस वर्ष भी वित्त मंत्री जी ने ऐलान के रूप में योजना ही कृषि स्थापना की बनाई है। 2014 से स्थापित 197 मेडिकल कॉलेज के लिए जहां कम से कम 314 नर्सिंग कॉलेज नर्सिंग कॉलेज होना चाहिए था वहां 197 नर्सिंग का ऐलान किया गया।एक ओर जहाँ सरकार वित्तीय हालात से निबटने में विफल रहते हुए भी घोषणाओं में अव्वल रहना चाहती है वहीं युवाओं को प्राथमिकता के नाम पर अदानी और अंबानी बनाने का सपना दिखा रही है जबकी मुफ़्त राशन को सरकारी पार्टी रेवड़ी बताती है और अस्सी करोड़ लोगों की आर्थिक हालात सुधारने की कोई चर्चा बजट में नहीं होना ही देश की वित्त मंत्री के झाँसा को दर्शाता है
बजट पूरी तरह लोकलुभावन : प्रवीण सिंह कुशवाहा

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