गया : वाम दल, भाकपा, माले एएस यू सी आई और केंद्रीय ट्रेड यूनियन द्वारा केंद्र की मोदी सरकार की कथित फासीवादी एकारपोरेट पक्षी एवं जन विरोधी नीतियों के विरोध में 8 और 9 जनवरी को आम हड़ताल का आह्वान किया गया। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि बैंको कि खस्ताहाल स्थिति के पीछे देश के बड़े पूंजीपतियों व कॉरपोरेट घरानों का हाथ है।
बैंकों को बीमार घोषित कर उसे निजी हाथों में सौंपने की साजिश हो रही है। इस तरह सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों को औने-पौने दाम पर निजी हाथों में सुपुर्द करने की साजिश जारी है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं का निजीकरण हो रहा है जिससे देश के मजदूर वर्ग सहित आम जनता का जीवन संकटग्रस्त हो गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार श्रम कानूनों में संशोधन कर ट्रेड यूनियन की गतिविधियों पर लगातार तरह-तरह की पाबंदियां लगा रही है। ऐसी परिस्थिति में जन आंदोलन की व्यापक पृष्ठभूमि में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 8 एवं 9 जनवरी को अखिल भारतीय आम हड़ताल का निर्णय लिया है। वाम दल, भाकपा भाकपा, माले एएस यू सी आई और केंद्रीय ट्रेड यूनियन द्वारा आहूत हड़ताल का पूर्ण समर्थन करते हुए इस हड़ताल के समर्थन में 9 जनवरी 2019 को बिहार बंद का आह्वान किया है।
जिले में इस हड़ताल का व्यापक असर रहा। बैंक के पंजाब नेशनल बैंक कि सभी शाखाओं में टेल लटके रहे। पंजाब नेशनल बैंक कर्मचारी नेता बलबंत ने बताया कि सरकार कि कर्मचारी विरोधी निति के विरोध में हड़ताल के दौरान बैंक कि सभी शाखाओं में तालाबंदी रहेगी। बैंक ऑफ बड़ोदा कर्मचारी संघ के शैलेश कुमार सिन्हा ने बताया कि जिले में बैंक कि सभी शखाएं बंद रही जिले करोड़ों का कारोवार प्रभावित हुआ । बिहार चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स के कौशलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि हड़ताल से व्यापारिओं का बड़े पैमाने पर लेन-देन प्रभावित हुआ है।