कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बाद कई दूसरे राज्यों के कई परिवार पटना और बिहार के दूसरे हिस्सों में फंस गए थे। ये लोग वापस जाना चाहते थे लेकिन प्रतिबंध के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका। इस बीच इनके जीविकोपार्जन के साधन भी बंद हो गए थे। इसलिए समाजसेवी व्यवसायियों ने इनकी देखभाल जारी रखी।
गुरुवार को करबिगहिया में 30 परिवारों को बस द्वारा राजस्थान स्थित इनके घर हनुमानगढ़ और गंगानगर के लिए रवाना किया गया। इस संबंध में जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश सचिव सह कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी ने कहा कि इन लोगों के लिए लगातार समाजसेवी व्यवसायियों की मदद से हम राशन और दूसरी जरूरी चीजों की व्यवस्था पिछले 50 दिनों से कर रहे हैं।
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इस पूरी अवधि में इनके पास न खाने की व्यवस्था थी और न ही पैसे थे, जिससे ये खरीद कर खा सकें। कमल नोपानी ने बताया लॉकडाउन में जिस प्रकार बिहार के लोग बाहर फंसे थे, उसी प्रक्रिया बिहार में अन्य राज्यों के लोग फंसे हुए थे। इनकी मदद करना हमारा कर्तव्य था जो पूरी लॉकडाउन की अवधि में हमलोगो ने किया। इस अवसर पर विकास सुरेखा, बेनी खेमका, संजय बुबना, आर.एस. जीत, परमेश्वर चौधरी आदि मौजूद रहे।