पटना : प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड में सीबीआई द्वारा लड़कियो की मौत नहीं होने के सवाल पर कहा कि सीबीआई मुख्यमंत्री एंव पीड़ीत कांड के आरोपियों को बचाने में जुटी है। पीडि़त 34 बच्चियों ने बताया था कि उनकी 2-3 साथियो की जघन्य दुष्कर्म बाद दरिंदगी से हत्या कर शव वहीं उसी कॉम्पाउंड मे गाड़ दिए थे। खोदने पर उनके कंकाल भी मिले लेकिन अब नीतीश कुमार और बलात्कारी भाजपाई मंत्रियों को बचाने के लिए सीबीआई कहानी पलट रही है।
सरकारी संरक्षण में 34 बच्चियों के साथ सत्ताधारी सफेदपोशों द्वारा वर्षों तक सामूहिक बलात्कार की घटना उजागर होने पर पूरे देश में हाहाकार मचा था। देश की रूह कांप उठी थी। कोर्ट ने कहा सीबीआई जांच अधिकारी का ट्रांसफर ना करें। मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय मुद्दा है। कैसे अनाथ लड़कियों के साथ सत्ता संपोषित व संरक्षित सामूहिक दुष्कर्म किया जाता रहा और सीएम मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर-गैंग को लगातार फंड करते रहे,उसके घर जाते रहे,उसके अख़बार को नियमों के विपरीत जाकर करोड़ों के विज्ञापन देते रहे। उसे चुनाव भी लड़वाते रहे, और अब उसके विरुद्ध स्पष्ट साक्ष्य होने के बावजूद उसे बचाने की कोशिशें कर रहे है।
क्या सीबीआई इतनी अंधी, बहरी हो गयी है जो ब्रजेश ठाकुर के खुद के कर्मचारी बता रहे है कि बच्चियों की हत्या कर शव यहां गाड़े गए थे। शेष पीडि़त लड़कियां बता रही है। पड़ोस के प्रत्यक्षदर्शी बता रहे है। क्या किसी के घर में किसी और के कंकाल मिलेंगे, अगर कुछ नहीं हुआ था तो नीतीश कुमार जी ने तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा का इस्तीफा क्यों मांगा? उनके अति विश्वास पात्र के सहयोगी के एनजीओ से भी लड़कियां ग़ायब हुई थी और उसको इसका ईनाम देते हुए मुख्यमंत्री ने बाद में उसे भी मंत्री बनाया। नीतीश कुमार जी ने मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड पर अपने रोल और ब्रजेश ठाकुर से गहरे रिश्तों पर पर अबतक स्पष्टीकरण क्यों नहीं देते।