देश में पेट्रोल के दाम आसमान छु रहा है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अपनी गलतियों का ठीकरा दुसरो के सर फोड़ रहे हैं। दो दिन पूर्व राज्यभा में तेल कीमतें कम नहीं कर पाने को लेकर लाचारी जताई थी। शनिवार को उन्होंने खेद जताते हुए तेल संपन्न देशों को जिम्मेदार ठहराया।
उधर देश के कुछ शहरों में प्रीमियम पेट्रोल के दाम शनिवार को 100 रुपये के पार पहुंच गए। युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पहले ही आम आदमी की कमर टूट चुकी है। रोजगार खतम हो चुके हैं।
व्यापारी घाटे में चल रहे हैं और ऊपर से सरकार जिस तरह से चुपके चुपके पेट्रोल-डीजल के दामों को बढ़ा रही है, उससे आम आदमी, किसान और व्यापारी सबके ऊपर बड़ा बोझ पड़ रहा है। हर रोज पेट्रोल-डीज़ल के कीमत बढ़ाई जा रही है, उसका असर सबसे ज्यादा किसान भाइयो पर पड़ रहा है।
पम्पिंग सेट डीजल से चलती है। डीजल के दाम में बेतहाशा बृद्धि किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार मुफ्त अनाज देकर आम जनता को राहत देने की बात कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी करके सरकार उसी आम आदमी से वापस छीन रही है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दामों को बाजार भाव के मुताबिक़ तय करने के आधार के बावजूद भाजपा की केंद्र सरकार लोगों से धोखाधड़ी कर रही है। जब दाम घटने चाहिए तब एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता का पैसा अपनी जेब में डाल लिया जाता है। हम मांग करते है कि पेट्रोल और डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए।