मपटना : बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष मंजुबाला पाठक ने कहा कि जैसा की सर्वविदित है, विगत सालों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने और स्पेशल पैकेज देने की घोषणा की थी। परन्तु यह अभी तक पुरा नहीं हुआ। बिहार में मजदूरों की संख्या अच्छी-खासी हैं और उसमें भी अकुशल मजदूर ज्यादा हैं। जो देश के अलग-अलग प्रदेशों में मजदूरी करते हैं। वैसे ही बिहार की जनसंख्या का एक बड़ा भाग गरीबी रेखा के नीचे हैं।
बिहार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। सूबे में उद्योग धंधे का विकास नहीं हुआ, रोजगार की कमी है। बेरोजगारी बहुत अधिक है। मजदूरों का पलायन यहां से ज्यादा होता है। केंद्र सरकार का सौतेला व्यवहार बिहार के साथ जारी है। अभी मजदूरों के पास ना तो रोजगार है ना ही सरकार के पास कोई कार्ययोजना। बिहार की आर्थिक स्थिति खराब है तो रोजगार से संबंधित कोई योजना धरातल पर कार्यरत नहीं है। शिक्षा की स्थिति भी सही नहीं है। रोजगारोन्मुख शिक्षा ना के बराबर है। चूंकि बिहार कृषि प्रधान राज्य है फिर भी कृषि उत्पादकता यहां औसतन कम है। सरकार के तरफ से किसानों को मदद उचित नहीं मिल रही हैं।
चूंकि मजदूर अकुशल हैं और उनका पलायन दूसरे प्रदेशों में हुआ है तो भी उनका शोषण होता है। ठेकेदारी प्रथा ज्यादा है फिर इसलिए मजदूरों को उचित मेहनताना नहीं मिलता हैं। चूंकि बिहार में रोजगार नहीं है और बिहार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है इसलिए बिहार सरकार इस महामारी में भी अपने पूरे मजदूरों को दूसरे प्रदेशों से वापस नहीं बुला रहीं है। क्योंकि यहां मजदूरों के पुनर्वास की कोई सुविधा या कार्ययोजना सरकार के पास नहीं है।
सरकार मजदूरों के सामने इस लॉकडाउन में सरकार निरीह बनके खड़ी है। कोई भी सरकार का ये राजधर्म होता है कि आपदा या महामारी में कोई उचित कार्य योजना लाए और अपने जनता को उससे उबारे परन्तु सरकार भगवान भरोसे हाथ पर हाथ रखकर खड़ी है। एक ऐसी योजना जिसमें सभी का कल्याण हो, सभी का पेट भरे और सभी का चतुर्दिक विकास हों। बिहार सरकार अपने समस्याओं का ढिंढोरा पीट कर अपने प्रवासी मजदूरों को नहीं ला रही है। बिहार सरकार केवल दिखावा कर रही है। ये समय है तत्परता से काम करने का ना ही केवल झुठा दिलासा देने का। मैं केंद्र सरकार से ये मांग करती हूं कि वो बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा देते हुए स्पेशल पैकेज को देने का अविलंब प्रयास करें ताकि बिहार का विकास हो और मजदूरों को रोजगार मिले।