पटना : देश में बदलते हुए परिदृश्य में मीडिया का बहुत बड़ा चुनौती है। इस बदले हुए हालात में समझने की जरूरत है। ये बातें स्काडा बिजनेस सेंटर में बदलते परिदृश्य में वैश्य और मीडिया की भूमिका पर परिचर्चा पर भारती प्रेस परिषद के सदस्य जयशंकर गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि जब से मीडिया में टीवी चैनल की भागीदारी हुई है तब से फेंक न्यूज का परिचलन बढ़ गया है। टीवी चैनलों पर टीआरपी बढ़ाने के लिए फेंक न्यूज का भारी परिचालन बढ़ा है इसे रोकना मुमकीन है।
क्योंकि अब सोशल मीडिया की इतनी भरमार हो गयी है कि इसे रोक पाना कठिन है। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली विधानसभा के 28 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने का मामला कोर्ट में चल रही थी तब न्यूज चैनलों का टीआरपी देखने को मिल रहा था। कोर्ट में दो बजे के बाद फैसला आना बाकी था कि उससे पहले ही टीवी चैनलों पर सदस्यता समाप्त किये जाने का न्यूज चल रहा था इस पर टिका -टिप्पणी करने पर कई वरिष्ठ पत्रकारों से सीधे तौर पर कहा कि सर चैनल का टीआरपी बढ़ाना है तो इससे न्यूज की स्थिति पर गौर करने की जरूरत है।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष सह वि धान पार्षद डा. रामचन्द्र पूर्वे ने कहा कि मीडिया समाज का आइना होता है। मीडिया के माध्यम से आये घटनाओं पर कार्रवाई की जाती है। न्यूज गलत ढंग से नहीं परोसा जाये ताकि समाज खतरा में पड़ जाये। इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति डा. गुलाम चन्द्र अग्रवाल, बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डा. ओपी जायसवाल, पीके चौधरी, कमल नोपानी समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।