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मुख्यमंत्री ने राज्य में मूसलाधार बारिश से उत्पन्न स्थिति पर उच्चस्तरीय बैठक की

प्रषासन हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिये तत्पर है। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत हमलोग पर्यावरण संरक्षण के लिये कर रहे हैं।

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरदार पटेल भवन में आपदा प्रबंधन विभाग स्थित अपने कक्ष मेंं राज्य में मूसलाधार बारिश से उत्पन्न स्थिति पर उच्चस्तरीय बैठक की। मूसलाधार बारिश के कारण पटना में जलजमाव वाले क्षेत्रों हो रही लोगों को परेषानी से निजात दिलाने के लिये किये जा रहे राहत कार्यों के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव  प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजेन्द्र नगर एरिया में छात्र-छात्राओं को छात्रावासों से बाहर निकाला गया है। 
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को जलजमाव वाले क्षेत्रों में तैनात किया गया है। ग्राउंड फ्लोर के लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है। लोगों को बाहर निकालने के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। दूध की जरूरतों को पूरा करने के लिये 6 जगहों पर सुधा का बूथ खुले रखने का इंतजाम किये गये हैं। पीने के पानी के लिये 50 टैंकर की व्यवस्था की गयी है। दो लाख पीने के पानी के बोतल के इंतजाम किये गये हैं। 6 स्कूलों में रिलीफ कैम्प का इंतजाम किया जा रहा है और वहॉ खाने की व्यवस्था भी की जा रही है। 
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेष्वर पाण्डेय, प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन  प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव  मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अपर सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय चन्द्रशेखर सिंह, मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।  
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के असंतुलन के चलते जलवायु में परिवर्तन हो रहा है, उसी कारण शुरूआती दौर में कुछ इलाकों में हेवी रेन हुआ था और बाढ़ की स्थिति आयी। उसके बाद सब जगह पानी की कमी और सूखे की स्थिति हो गयी फिर गंगा नदी का जलस्तर बढऩे लगा। गंगा नदी के दोनों किनारे वाले 12 जिलों में कहीं-कहीं लोगों के लिये स्थिति दिक्कत वाली हो गयी। अब उसके बाद पॉच-छह दिनों से लगातार बारिश हो रही है और अभी यह कहा नहीं सकता कि आगे वर्षा की क्या स्थिति रहेगी। ये बारिश अभी कब खत्म होगी, इसके बारे में मौसम विज्ञान वाले भी इस मामले में सटीक जानकारी नहीं दे पा रहे हैं। मुझे ऐसा लगता है कि यह वर्षा जो शुरू हुयी है, कम से कम तीन दिन तक तो चलेगा ही। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें मुश्किल तो है लेकिन हर जगह पूरा का पूरा आपदा प्रबंधन विभाग, पूरे जिला का प्रशासन तंत्र, सब लोग एकजुट होकर लगे हुये हैं और पटना में भी राजेन्द्र नगर ही नहीं अनेक जगहों पर पानी घुस गया। अभी जैसी स्थिति बनी हुयी है, उसमें अगर है दक्षिण से पुनपुन नदी का जलस्तर ऊॅचा हो गया तो मेरे ख्याल से सभी इलाकों में पानी घुस जायेगा लेकिन यह कहा नहीं जा सकता है कि यह हो ही जायेगा। इन सबके बावजूद हर चीज के लिये हमलोग बिल्कुल सतर्क हैं और निरंतर काम कर रहे हैं। अभी भी हमलोगंों ने बैठ कर चर्चा की है। हर जगह काम हो रहा है और पटना में भी जितना संभव हो रहा है, कर रहे हैं। यहां तक कि लोगों को जगहों से निकालना, लोगों को पीने के पानी का इंतजाम करना, दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये अलग-अलग जगहों पर इतंजाम कराया जा रहा है। ये तो मौसम की बात है, सूखे की स्थिति के बाद अब सीधे अचानक ऐसी स्थिति आ गयी है। हमलोग पूरे तौर पर जो भी पीडि़त लोग हैं, उनकी हर संभव सहायता कर रहे हैं। कई जगहों पर लोगों का कहीं किसी का दीवाल गिर गया, एक जगह कुछ पेड़ गिर गया, उसके चलते कई जगह पर लोगों की मृत्यु हुयी है, जो काफी दुखद है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब लोगों की जो सहायता हो सकती है, वह सब करेंगे और उसमें पूरी टीम लगी हुयी है और यह केवल पटना या शहरी क्षेत्रों की बात नहीं है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सब जगह डीएम बिल्कुल स्पॉट पर हैं और पूरा काम कर रहे हैं। जहां भी जो जरूरत है, जहॉ कम्यूनिटी किचन चलाना है, उसका इंतजाम हो रहा है। जो रीलीफ कैम्प है तो उसका भी इंतजाम हुआ है हम सब लोग लगे हुये हैं। उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में लोगों को थोड़ा सा अपने मन को और हौसले को बुलंद रखना पड़ेगा, प्रषासन हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिये तत्पर है। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत हमलोग पर्यावरण संरक्षण के लिये कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि वर्षा इतनी हो रही है कि जगह-जगह जो लोग तकलीफ में हैं, उनके उपाय के लिये कोषिष कर रहे हैं और जहां भी तटबंध हैं उसके लिये भी एक-एक काम के लिये जल संसाधन विभाग हर जगह एक-एक चीज को मॉनीटर कर रहा है। सभी लोग हिम्मत से काम लें। ये जो कुछ भी है, यह तो नेचर का है और उसके लिये जो संभव है, किया जा रहा है। 

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