पटना : राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा का मामला फिर से उठाने वाले हैं, उनके प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार विधानसभा के अगले चुनाव में जद यू इसको मुद्दा बनाने जा रहा है, बहुत दिनों के बाद नीतीश जी ने अपने बस्ता से विशेष राज्य का दर्जा निकाला है, लेकिन नीतीश जी की राजनीति का यह आजमाया हुआ नुस्खा है। लेकिन यह कारगर नुस्खा नहीं है,इसपर नीतीश जी को भी यकीन नहीं है।
श्री तिवारी ने कहा कि नीतीश जी के मित्र और देश के वित्त मंत्री अरूण जेटली साफ-साफ कह चुके हैं कि अब किसी भी राज्य को विशेष राज्य की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष और जद यू के भूत पूर्व सांसद एन के.सिंह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि विकास के लिए किसी राज्य को अब विशेष राज्य के दर्जा की जरूरत नहीं है। दरअसल विशेष राज्य के दर्जा का मामला नीतीश जी के लिए निष्ठा का प्रश्न नहीं है, यह उनकी राजनीतिक नारेबाजी का हिस्सा है।
अगर सचमुच वे इसके प्रति इमानदार होते तो इसके लिए उनके पास सुनहरा मौका था। अगर उस मौके का नीतीश जी ने इस्तेमाल किया होता तो संभवत अबतक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया होता। वह मौका उनको उस समय मिला था जब पलटी मारकर वे महागठबंधन से निकले थे। उस समय अगर उन्होंने नरेंद्र मोदी जी से हाथ मिलाने का शर्त विशेष राज्य का दर्जा रखा होता तो निश्चित रूप से वह हासिल हो गया होता। लेकिन पलटी मारने के एवज़ में मुख्यमंत्री की अपनी कुर्सी तो उनको याद रही लेकिन विशेष राज्य का दर्जा भूल गए। नीतीश जी के इस अभियान को हम जनता के बीच बेनकाब करेंगे।