पटना: चिराग मॉडल में ही दलित अतिपिछड़ों के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास का मंत्र है। यह बात आज लोजपा-(रामविलास) के राज्य मुख्यालय में अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के द्वारा आयोजित कार्यशाला का विषय प्रवेश करते हुए, पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. सत्यानंद शर्मा ने कहा कि अतिपिछड़ा समाज को राजनीति में अपर्यायवाची बनाकर रखा गया है, जबकि इसकी आबादी 36% है। यह समाज सभी राजनीतिक दलों के गलियारा में ताक-झाक करते है, लेकिन राजनीति दलों में अतिपिछड़ों को नीचा दृष्टि से देखते है। सत्ता में हिस्सेदारी नही दिया जाता है। आजादी के 75 वर्षाे के बाद भी गुलामी का जीवन यह समाज जी रहा है।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक सतीश कुमार ने कहा कि अतिपिछड़ा समाज के वोट पर ही सरकार बनती है और बिगड़ती है। इस समाज की गोलबंदी करने की जरूरत है। दलित अतिपिछड़ा गोलबंद हो जायेगा तो चिराग पासवान को मुख्यमंत्री बनने से कोई ताकत रोक नही पायेगा। इसके लिए कार्यक्रम और संगठन करने की जरूरत है।
कार्यशाला में अतिपिछड़ों के लिए कार्यक्रम की घोषणा करते हुए, युवा लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार पासवान ने कहा कि जिस ठंग से अतिपिछड़ों को पंचायती चुनाव में आरक्षण दिया गया। वैसे ही लोकसभा और विधानसभा में सीट आरक्षित करने के लिए निरंतर संघर्ष किया जायेगा। इस समाज को सत्ता में भागीदारी मिले इसके लिए यह आवश्यक है। जुल्म के खिलाफ निरंतर संघर्ष चलाने का कार्यक्रम निर्धारित किया जायेगा। कार्यशाला की अध्य्क्षता अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्य्क्ष संतोष कुमार गुप्ता ने किया। संचालन मो० अफरोज आलम ने किया।
कार्यशाला को पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामभरोस शर्मा, पार्टी के प्रदेश महासचिव विभीषण शर्मा, कचहरी पासवान, निरंजन चंद्रवंशी, रामटहल चौधरी, दिनेश शर्मा, भगवान शर्मा, संदीप मालाकार, गिरदावल राय(राजभर), नन्दकिशोर यादव, ओम प्रकाश भारती, मोo सलाम, संजय शर्मा, बिन्दा पासवान, रामचन्द्र दास, नन्दकिशोर शर्मा, छोटे पासवान, सुनील बारी, अशोक सिंह, दिलीप यादव, रंजीत पासवान सहित अनेकों नेताओं ने संबोधित किया।