बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को होने वाले मतदान के पहले अब राज्य में सरगर्मी तेज हो गई है। इस बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को लेकर भी अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई। इस बीच लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने सीएम नीतीश पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि “मेरा मानना है कि बिहार के सीएम ने नीतियों को लागू करना बंद कर दिया और संतृप्त हो गए। उन्होंने युवा नेताओं को खारिज कर दिया, उन्हें अनुभवहीन कहा लेकिन खुद को जेपी आंदोलन के दौरान एक युवा कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया। हम बिहार के लिए भी जागरूक हैं और सोच सकते हैं। राज्य ने उन्हें पहले ही 15 वर्ष दिए।”
चिराग पासवान ने कहा कि “मुझे मोदी जी का सम्मान क्यों नहीं करना चाहिए। मेरे पिता के आईसीयू में भर्ती होने पर केवल उन्होंने मुझे समर्थन के लिए बुलाया। सीएम एलजेपी और बीजेपी के बीच एक दूरी और शपथ को चित्रित करने के लिए उत्सुक हैं। मैं यह कहकर इस डर को दूर करना चाहूंगा कि मैं बीजेपी नेताओं की आलोचना का स्वागत करता हूं यहां तक कि पीएम से भी।”
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान द्वारा गठित लोजपा की कमान अब उनके सांसद पुत्र चिराग पासवान के हाथों में हैं। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाले जनता दल (यूनाइटेड) से सैद्धांतिक मतभेदों का हवाला देते हुए बिहार में अलग चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पासवान केंद्र की राजग सरकार में मंत्री थे और उनकी पार्टी इसका हिस्सा रही है। इसके बावजूद भाजपा नेताओं ने लोजपा पर आज चौतरफा हमला बोला।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘‘चिराग पासवान ने बिहार में अपना अलग रास्ता चुना है और वो हमसे अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का नाम लेकर वह भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। यह झूठी बयानबाजी सफल नहीं होगी।’’ उनके इन प्रयासों की निंदा करते हुए जावड़ेकर ने स्पष्ट किया कि बिहार चुनाव में भाजपा की कोई ‘‘बी, सी या डी टीम’’ नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी एक ही मजबूत टीम है और वह है..भाजपा, जद(यू), हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी)। चार दलों का हमारा गठबंधन राजग मजबूती से चुनाव लड़ रहा है। तीन चौथाई बहुमत से विजयी होगी और हम कांग्रेस, राजद और माले के अपवित्र गठबंधन को हराएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चिराग की पार्टी एक वोट कटवा पार्टी रह जाएगी। बहुत ज्यादा असर नहीं नहीं डाल सकेगी चुनाव पर। हम साफ करना चाहते हैं कि दूर-दूर तक हमारा कोई रिश्ता नहीं है। भ्रम की राजनीति हमें पसंद नहीं है।’’