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दो विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारकर उपचुनाव में टक्कर देंगे चिराग, ‘असली लोजपा’ का होगा फैसला

बिहार में दो सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर अब तक तिथि की घोषणा नहीं हुई है लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी सियासी तैयारी शुरू कर दी है। लोजपा के सांसद और नेता चिराग पासवान ने तो दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है।

बिहार में दो सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर अब तक तिथि की घोषणा नहीं हुई है लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी सियासी तैयारी शुरू कर दी है। लोजपा के सांसद और नेता चिराग पासवान ने तो दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है।
ताारापुर और कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र पर चिराग पासवान ने अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी
बिहार में ताारापुर और कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने हैं। पिछले चुनाव में तारापुर से मेवालाल चौधरी और कुशेश्वर स्थान से शशिभूषण हजारी ने जीत हासिल की थी, लेकिन दोनों विधायकों के असमय निधन के बाद यह सीट खाली हो गई, जिस पर अब उपचुनाव होने हैं। इन दोनों सीटों पर चिराग पासवान ने अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी है।
चुनाव आयोग को फैसला करना होगा कि असली लोजपा कौन है
माना जा रहा है कि अगर उपचुनाव में चिराग अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देते हैं तो इसका लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) का पारस गुट इसका विरोध करेगा और यह मामला चुनाव आयोग के पास जा सकता है। ऐसे में चुनाव आयोग को फैसला करना होगा कि असली लोजपा कौन है।
दोनों गुट खुद को असली लोजपा बता रहे हैं
उल्लेखनीय है कि लोजपा के संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा के पांच सांसदों ने बगावत कर दी थी, जिसका नेतृत्व सांसद और चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस कर रहे है, जबकि दूसरे गुट का नेतृत्व चिराग पासवान कर रहे हैं। दोनों गुट खुद को असली लोजपा बता रहे हैं। ऐसे में अगर यह मामला चुनाव आयोग के पास चला जाता है तब यह देखने वाली बात होगी कि आयोग लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसे मानता है।
चिराग की परेशानी तब ज्यादा बढ जाएगी जब आयोग पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष मान ले
कहा जा रहा है कि अगर चुनाव आयोग चिराग या पारस में किसी एक को उराष्ट्रीय अध्यक्ष मान लेता है तो दूसरे की परेशानी बढ़ जाएगी। फिलहाल लोजपा के छह सांसद हैं, जिसमें चिराग और पारस दोनों शामिल है। गौरतलब है कि लोजपा का कोई भी विधायक और विधान पार्षद नहीं है। छह सांसदों में से पांच सांसदों का समर्थन पारस गुट को है, ऐसे में चिराग की परेशानी तब ज्यादा बढ जाएगी जब आयोग पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष मान ले।
चिराग की यह घोषणा हास्यास्पद है और उनकी राजनीति में अपरिपक्वता का दर्शाती है
उल्लेखनीय है कि पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान ने चिराग पासवान को पार्टी की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन उनके निधन के बाद ही परिदृश्य बदल गया है। इधर, लोजपा (पारस गुट) के प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल कहते हैं कि चिराग की यह घोषणा हास्यास्पद है और उनकी राजनीति में अपरिपक्वता का दर्शाती है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि लोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस हैं, जिनका चुनाव राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्यों द्वारा किया गया है।

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