बिहार इस वक्त कोरोना वायरस और बाढ़ की दोहरी मार झेल रहा है। राज्य में बाढ़ से हालात इतने खराब है कि सैंकड़ो की संख्या में लोग सड़कों पर रहने को मजबूर है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगले सप्ताह होने वाली बहुप्रतीक्षित डिजिटल रैली को स्थगित कर दिया गया है।
सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष पदाधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस रैली के जरिये मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंकने की उम्मीद जताई जा रही थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने एक बयान में कहा कि सात अगस्त की प्रस्तावित रैली कोरोना वायरस महामारी एवं बाढ़ के चलते स्थगित कर दी गई है।
नेपाल से निकलने वाली नदियों के उफना जाने से आई बाढ़ के चलते उत्तर बिहार में करीब 40 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। जदयू ने कहा कि डिजिटल रैली की नयी तारीख बाद में तय की जाएगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता पिछले दो सप्ताह से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के लिए कार्यशालाएं लगाने में व्यस्त थे।
नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इन कार्यशालाओं में राज्यसभा और लोकसभा में पार्टी के नेता क्रमश: आर सी पी सिंह और राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह, राज्य के मंत्री संजय कुमार झा, बिजेंद्र यादव और अशोक चौधरी व्यस्त थे। राज्यसभा में जदयू के नेता और पार्टी महासचिव (संगठन) आर सी पी सिंह ने ही जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाने के प्रयास के तहत ‘मैं भी हूं नीतीश कुमार’ नारा तैयार किया था।
यह नारा जदयू की मीडिया शाखा के प्रमुख अमरदीप द्वारा लिखी गयी कविता से प्रेरित बताया गया है। यह नारा पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा अपनाये गये नारे ‘ मैं भी चौकीदार’ जैसा ही है।