महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों में लाउडस्पीकर विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मुद्दे पर अब कई राज्यों में राजनीति गरमाई हुई है। ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी इस मसले पर प्रतिक्रिया सामने आई है। मुख्यमंत्री नीतीश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सभी को हमारी राय पता है, हम कभी किसी धर्म में दखलंदाजी नहीं करते हैं।
ऐसी मांगों का वे समर्थन नहीं करते
गौरतलब है कि महाराष्ट्र समेत देश के विभिन्न राज्यों में धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जाने की मांग के बीच नीतीश ने यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे अपने मंत्रिमंडल में भाजपा के सहयोगियों के धार्मिक स्थलों (मस्जिदों) से लाउडस्पीकर हटाने की राय का समर्थन नहीं करते हैं। यह मांग फालतू है। बिहार में ऐसी मांगों का वे समर्थन नहीं करते। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों का नाम लिए बिना कहा कि जिसे जो कहना है, वह कहे।
लाउडस्पीकर की सियासत से नीतीश रहेंगे दूर
ज्ञात हो कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश ने शुक्रवार को पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के आवास पर आयोजित दावत-ए-इफ्तार में पहुंचे थे। इसी मौके पर पत्रकारों ने उनसे यह सवाल किया था। उन्होंने देश के कुछ राज्यों में ‘धार्मिक स्थल और लाउडस्पीकर की सियासत से खुद को दूर बताया।
अल्पसंख्यकों ने ली राहत की सांस
उन्होंने साफ कहा कि बिहार में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटाये जाने की बात का कोई मतलब नहीं है। मालूम हो कि बिहार में भी विभिन्न दलों के नेताओं की इस मुद्दे पर बयानबाजी चल रही है। इस बीच मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया कि बिहार में इन बातों का मतलब नहीं है। हालांकि, सीएम नीतीश का यह बयान बिहार सरकार में उनके सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को शायद नगवार गुजरें। तो वहीं, प्रदेश के अल्पसंख्यक लोग सीएम नीतीश के इस बयान से अब अधिक परेशान नहीं होंगे।