बिहार विधानसभा चुनावों के लिए जेडीयू की तरफ से मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में आरोपी और पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को टिकट दिए जाने पर बवाल शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले में जेडीयू से मंजू वर्मा की उम्मीदवारी वापस लेने की मांग की है।
अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘महिला सुरक्षा को लेकर यह सरकार और बीजेपी कितनी गंभीर है, उसे हमने हाथरस के मामले में और कई अन्य मामलों में देख लिया है। अब बिहार में मंजू वर्मा को उम्मीदवार बनाया गया है, जो बच्चियों से दुष्कर्म से जुड़े मामले में आरोपी हैं।’’
उन्होंने सवाल किया कि बीजेपी और उसके सहयोगी दल महिला सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लेते हैं या नहीं? कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी से हम कहना चाहते हैं कि आपने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का अभियान चलाया और ऐसे में आपकी जिम्मेदारी है कि मंजू वर्मा की उम्मीदवारी रद्द करवाएं या फिर गठबंधन तोड़ दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर नीतीश कुमार जी और सुशील मोदी जी महिला सुरक्षा को महत्वपूर्ण मानते हैं तो मंजू वर्मा की उम्मीदवारी तत्काल वापस ली जाए।’’ कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया, ‘‘इस उम्मीदवारी का मतलब यह है कि उन्हें पहले मंत्री पद से हटाया जाना पाखंड था। यह पाखंड नहीं चलेगा।’’
उन्होंने कहा कि अगर मंजू उम्मीदवार बनी रहती हैं तो इससे साफ हो जएगा कि भाजपा और जद (यू) में महिला सुरक्षा को लेकर कोई नैतिकता नहीं बची है। गौरतलब है कि जेडीयू ने मंजू वर्मा को बेगूसराय जिले की चेरिया-बरियारपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। मंजू का नाम मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में आने के बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं।