अरुणाचल प्रदेश में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब पार्टी के 6 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया। हालांकि इसका असर फिलहाल बिहार में जारी गठबंधन पर पड़ता नहीं दिख रहा है। बीजेपी और जेडीयू दोनों ने ही कहा है कि हमारी सरकार स्थिर और मजबूत है। लेकिन लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार को बीजेपी के ‘खरीद फरोख्त की नीति’ के प्रति सतर्क करते हुए कहा कि अरुणाचल में जो हुआ है उसकी काट के तौर पर वह अपने राज्य में विपक्षी दलों के संपर्क में बने रहें।
अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ”प्रिय नीतीश कुमार जी, भाजपा से सावधान रहें, वह पूर्वोत्तर क्षेत्र के बदनाम शिकारियों की तरह ही शिकार अभियान (जनप्रतिनिधियों की खरीद फरोख्त) में माहिर है।” पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री को सलाह देते हुए कहा कि बिहार में वह विपक्षी दलों के संपर्क में रहे क्योंकि वहां भी उन्हें ऐसी स्थिति (खरीद-फरोख्त) का सामना करना पड़ सकता है। चौधरी ने ट्वीट किया है, ”जैसा कि अभी आप अरुणाचल प्रदेश में झेल रहे हैं, टुकड़े होकर बिखरने से पहले नीतीश कुमार जी नए रास्ते तलाशें, जो कि संभवत: बिहार में विपक्षी दलों के साथ संपर्क में रहना हो सकता है, ताकि आप अरुणाचल वाली समस्या से बच सकें।”
बता दें कि बीजेपी इस घटना के बाद से जदयू को विश्वास दिलाने के लिए जोर दे रही है कि पार्टी ने अरुणाचल प्रदेश में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जदयू के विधायकों को ”अपने पाले” में नहीं किया था। साथ ही कहा कि असंतुष्ट विधायकों ने अपनी इच्छा से अपना पक्ष बदला है। बिहार की उपमुख्यमंत्री और भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेणु देवी ने नीतीश कुमार को सत्तारूढ़ गठबंधन का ‘अभिभावक’ करार दिया और विश्वास जताया कि अरुणाचल प्रदेश में हुए घटनाक्रम का बिहार में कोई प्रभाव नहीं होगा।