बिहार सरकार ने कोरोना जैसे संक्रामक रोगों के प्रसार में तंबाकू सेवन और जहां-तहां थूकने को बड़ा कारक मानते हुए इसके सेवन को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया और साथ ही इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को छह महीने कारवास की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने आज एक आदेश जारी कर सार्वजनिक स्थलों पर पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटखा के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। उन्होंने बताया कि पान मसाला, खैनी, जर्दा और गुटखा खाकर यत्र-तत्र थूकने से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बढ़ता है। इसलिए, सार्वजानिक जगहों पर तंबाकू के इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। गौरतलब हो कि बिहार में राज्य सरकार ने पान मसाला में मैग्निसियम कार्बोनेट निकोटिन पाए जाने के कारन पिछले अगस्त से ही 15 ब्राण्ड के पान मसाला के विनिर्माण, भण्डारण एवं बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है।
आदेश में कहा गया है कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़ खतरों में से एक है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वालों की प्रवृत्ति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी जैसे कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। भारतीय दंड विधान की धारा 268 एवं 269 के तहत कोई भी व्यक्ति यदि महामारी के दौरान उपेक्षापूर्ण अथवा विधि विरुद्ध कार्य करेगा जिससे जीवन के लिए संकटपूर्ण रोग का संक्रमण हो सकता है तो उसे छह माह कारावास एवं अथवा 200 रुपये जुर्माना किया जा सकता है।
प्रधान सचिव ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई भी अधिकारी, कर्मचारी अथवा आगंतुक इसका उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कानून के अनुरूप कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सभी जिलों के जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने एवं उल्लंघन करने पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। साथ ही सभी सरकारी एवं गैर सरकारी परिसरों में उक्त आशय का बोर्ड लगवाने के निर्देश दिया गया है।