बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज केंद्र सरकार से किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर डेयरी, पॉल्ट्री एवं मत्स्यपालन के लिए भी चार प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज देने के निर्णय को शीघ, लागू करने का आग्रह किया। श्री मोदी ने यहां ज्ञान भवन में आयोजित ‘बिहार लाइवस्टॉक मास्टर प्लान’ का विमोचन एवं विभिन्न योजनाओं के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि से वर्ष में जहां 180 दिनों का ही रोजगार मिल पाता है वहीं शेष बचे दिनों के लिए भूमिहीन और छोटी जोत के लघु, सीमांत किसानों की आय का प्रमुख श्रोत पशुपालन है। केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की तरह मात्र चार प्रतिशत ब्याज पर डेयरी, पोल्ट्री एवं मत्स्यपालन सेक्टर को भी ऋण देने का निर्णय लिया है। उन्होंने केन्द, सरकार से इसे जल्द लागू करने का आग्रह किया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मत्स्यपालन में अब बिहार का उत्पादन काफी बढ़ गया है। यहां की 32 हजार टन मछलियां नेपाल, सिलीगुड़, लुधियाना, गोरखपुर, रांची जैसे अनेक स्थानों पर भेजी गयीं। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल पांच लाख 87 हजार टन मछली का उत्पादन हुआ है। मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भरता के करीब पहुंच गया है। श्री मोदी ने बताया कि पहले बिहार में जहां लोगों का टीकाकरण भी ठीक से नहीं हो पाता था, वहीं आज गाय, भैंस, बैल और बकरी का भी टीकाकरण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आधार नंबर की तर्ज पर राज्य में जानवरों को भी एक पहचान नंबर दिया जा रहा है ताकि उनके टीकाकरण समेत अन्य उचित देखभाल की जा सके। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार लाइवस्टॉक मास्टर प्लान के जरिए अगले पांच वर्ष में 6300 करोड़ रुपये पशुपालन एवं उससे जुड़ क्षेत्रों पर खर्च करने की अनुशंसा की गयी है, जिसका केवल 16 प्रतिशत सरकार के माध्यम से और शेष निजी क्षेत्र को खर्च करना है। श्री मोदी ने कहा कि बिहार में पॉल्ट्री, मत्स्यपालन और डेयरी क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से राज्य के किसानों की आय में वृद्धि की जाएगी।