देश में गिरती विधि-व्यवस्था एवं बिहार में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं होने के विरूद्व हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर ने रविबार को नई दिल्ली के जंतर मंतर पर एक दिवसीय धरना दिया।
धरना को संबोधित करते पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव सह सदस्य बिहार बिधन परिषद डॉ संतोष कुमार सुमन ने कहा कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के साथ-साथ लगभग 16 जिलों में चमकी बुखार के चपेट में आने के फलस्वरूप अब तक 200 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है और प्रतिदिन औसतन अभी भी पॉंच-छः बच्चों की मौत हो रही है। मरने वाले बच्चों में शत-प्रतिशत बच्चे दलित एवं मुस्लिम समुदाय से आते हैं, जो कुपोषण के शिकार हैं। सरकार की लापरवाही के कारण इन गरीब बच्चों को दोनों शाम खाना नहीं मिल पाता है।
हाल में यह भी देखने में आया है कि मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेमोरियल अस्पताल में जो बच्चे मरे हैं। उनको बिना दफनायें बगल में फेक दिया गया है। जहॉं बच्चे का हड्डी, खोपड़ी एवं कंकाल पाया गया है। यह स्थिति दिल दहला देने वाली है। बल्कि मानवता को भी शर्मसार करने वाली है। सभ्य समाज में यह घटना किसी भी दृष्टिकोण से शोभनीय नहीं है।
वही सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेंद्र कुमार मुन्ना ने कहा कि मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से काल कल्वित बच्चों के साथ-साथ दक्षिण बिहार के गया, नवादा, औरंगाबाद एवं अन्य जगहों पर भी लू लगने से गरीब महिलाओं एवं पुरूषों की मृत्यु हुई है। इन दोनों घटनाओं से प्रतीत होता है कि कुपोषण के साथ-साथ वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्थाएॅं एक दम खत्म हो चुकी है। उप स्वास्थ्य केन्द्र, अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर न तो चिकित्सक होते हैं न दवाईयॉं मिलती है।
जिसके कारण गरीब परिवार के लोग जिला मुख्यालय एवं राज्य मुख्यालय में स्थित अस्पतालों का शरण लेते हैं। जिला मुख्यालयों एवं राज्य मुख्यालय के अस्पतालों में भी चिकित्सक एवं पारा मेडिकल स्टाफ की कमी एवं चिकित्सकों तथा अन्य कर्मचारियों के मनमानी के चलते शत-प्रतिशत गरीबों के बच्चें एवं महिला-पुरूष की मृत्यु चमकी या लू लगने से हो रही है।
यह सिलसिला आज नहीं वर्षो-वर्षों से चलती आ रही है। जिस पर विरोधियों के द्वारा ध्यान आकर्षित कराते रहने के बाद भी सरकार कान में तेल डालकर सोई रही है। जिसके चलते गरीबों की मृत्यु हो रही है।
देश का ऐसा कोई मीडिया नही है जिन्होंने हृदय विदारक घटना का दृश्य नहीं दिखलाया है। इस घटना से बिहार की छवि धूमिल हो गई है, साथ ही साथ वर्तमान सरकार की कार्य शैली पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
देश में विधि-व्यवस्था पूर्णरूपेण चरमरा गई है। ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता है जिस दिन अपराधियों के द्वारा हत्या, बलात्कार, लूट के साथ मॉव लिचिंग जैसे अन्य जघन्य अपराधिक घटना को अंजाम नहीं दिया जाता है। एक ओर जहॉं मासुम बच्चों की मौत हो रही है वहीं दूसरी ओर पूरा देश अपराधिक घटनाओं से भयक्रांत है।
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पाण्डेय ने महामहिम राष्ट्रपति महोदय से यह मांग किया कि बिहार के मासूम बच्चों की जीवन की रक्षा एवं बिहार को अपराधों से मुक्त करने हेतु कड़ा कदम उठाने का हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से0) पार्टी अनुरोध करती है। चमकी बुखार से होने वाले बच्चों के प्रत्येक परिवार को 10-10 लाख रूपया सरकार की ओर से मुआवजा दिलाया जाये।
देश की राजधानी दिल्ली में रेहड़ी पटरी वालों को न्युनतम दर पर लाईसेन्स देने की व्यवस्था करते हुए दिल्ली सरकार शिल्पकारों को न्युनतम दर पर दुकान मुहैया कराते हुए उनके लिए सरल व्यापार नीति लागु किया जाये।
देश की राजधानी दिल्ली में आज भी कई ऐसे गरीब परिवार झुग्गी झोपड़ी में गुजर बसर करने को विवश हैं जिसे दिल्ली सरकार अवैध कॉलोनी घोषित कर रखी है। गरीबों के हित में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (से0) यह मॉंग करती है कि इन अवैध कॉलोनीयों को वैध कॉलोनी घोषित करते हुए सभी सरकारी सुविधा उपलब्ध कराई जाये। देश की गिरती स्वास्थ्य एवं विधि-व्यवस्था को सामान्य बनाने के लिए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के स्वास्थय मंत्री क्रमशः श्री डॉ0 हर्षवर्द्धन एवं श्री मंगल पाण्डेय को अपने पद से मुक्त करते हुए वतर्मान बिहार सरकार को अविलंव बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मॉंग करती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने किया। धरना का संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक ज्योति ने किया इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुनील कुमार चौबे, इंजीनियर अजय यादव ,मुन्ना सिंह,सीताराम यादव, कृष्णा यादव, शितल यादव, कैलाश यादव, जयपाल यादव,हिरा लाल राय, दिलीप भगत, अरुण पासवान, दिना मांझी, विलास यादव, सुरेश मांझी आदी बड़ी संख्या में लोगों ने इस एक दिवसीय धरने में भाग लिया।