देश में महिला हो या बच्ची कोई भी सुरक्षित नहीं है। पटना में एक बच्ची साथ दुष्कर्म हुआ था। इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने आरोपी की फांसी में ड्डी गई सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह तथा न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई के बाद 48 पन्ने का आदेश दिया।बता दे कि कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में आंशिक संसोधन करते हुए प्रिंसिपल को दी गई फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। साथ ही शिक्षक को मिली उम्रकैद की सजा को निरस्त कर दिया है।
बच्ची गर्भवती हो गई तो करा दिया अबॉर्शन
पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली 11 साल की छात्रा के साथ फुलवारीशरीफ के न्यू सेंट्रल पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल अरविंद कुमार उर्फ राज सिंघानिया ने स्कूल के शिक्षक अभिषेक कुमार के सहयोग से राइटिंग चेकिंग के नाम पर बुलाकर दुष्कर्म करता था। जिसके बाद बच्ची गर्भवती हो गई और पीएमसीएच के डॉक्टरों के सहयोग से उसका गर्भपात कराया गया।पुलिस ने मामले की तहकीकात कर प्रिंसिपल और शिक्षक को दोषी को मान और उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। गवाही तथा उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर पॉस्को कोर्ट ने प्रिंसिपल को फांसी और शिक्षक को उम्रकैद की सजा सुना दी है। निचली अदालत से मिली हुई सजा की वैधता को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई।