पटना : अखिल भारतीय युवा कांग्रेस कमिटी बिहार के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार एवं समाजसेवक सैयद इफ्तेखार अहमद ने संयुक्त प्रेस बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस पार्टी जो कहती है वह करके दिखाती है जिसकी पुष्टि तीन राज्यों में किसानों के कर्ज माफी का मात्र दस घंटे में ही ऐलान कर दी गयी। लेकिन इस कड़ी में समझन होगा कि मोदी सत्ता एवं भाजपा के नीति के खिलाफ तीन राज्यों में कांग्रेस जीत को जनादेश मिला है। इस जीत के भीतर मुस्लिम की खामोशी का दर्द भी छिपा हुआ है।
नेताद्वय ने कहा कि किसानों के कर्ज माफी से ओबीसी, एससी-एसटी एवं अन्य समुदाय को भी राहत छिपी हुई है। इसी केनवास को अगर 2019 की विसात पर परखे तो वह किसी भी शर्त पर कांग्रेस के साथ आना चाहती है यानि 2019 की राजनीतिक अर्थशास्त्र के इवादत पर लिख रही है कि कॉरपोरेट को मिलने वाली सुविधाएं या रियायत अब ग्रामीण भारत पर मुरेगी यानि अब यह नहीं चलेगा कि रिजर्ब बैंक का गवर्नर उर्जीत पटेल का इस्तीफा दिया तो शेयर बाजार का सेंसेक्स को कॉरपोरेट ने राजनैतिक तौर पर शशिकांत दास गवर्नर पद संभालते ही मोदी सरकार के इशारे पर चल पड़े और एनडीए सत्ता द्वारा देश को यह मैसेज दे दिया गया कि सरकार की अर्थव्यवस्था पटरी पर चल रही है। इससे पूर्व का गवर्नर उर्जीत पटेल की अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं था।