पटना , (पंजाब केसरी) : बिहार विधान सभा मानसून सत्र के प्रांरभिक संबोधन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सभी सदस्यों को स्वागत करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य सदा से हम भारत के लोगों के स्वभाव का अंग रहा है। संवाद से समर्थन तक पहुंचाना शासन की स्वच्छंद शक्तियों पर सीमाओं का आरोपण तथा विधि का शासन प्राचीन काल से ही हमारी परंपरा रही है। 75 वर्ष पूर्व जब हमारे यहां संसदीय लोकतंत्र स्थापित हुआ तो यही भाव यही स्वभाव को लेकर हम आगे बढ़े हमारे लिए संविधान केवल एक पुस्तक नहीं है। बल्कि एक विचार है हमारी निष्ठा का प्रतीक है पूरा का पूरा जीवन दर्शन है आज जब हम देश के आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।
अपने उज्जवल आती तो को याद करते हुए हमें उज्जवल भविष्य की और देखना है। अपने पद प्रतिष्ठा के अनुरूप दायित्व को निभाने का प्रयास करना है अधिकार और कर्तव्य के बीच एक संतुलन साधना होगा क्योंकि यदि हमारे अधिकार है तो उनके साथ कर्तव्य भी जुड़े हैं और कर्तव्य भी अधिकार भी मजबूत होते हैं इसलिए आज पूरा देश एक स्वर में कर्तव्य बोध की बात कर रहा है।मेरी हार्दिक इच्छा है कि उत्कृष्ट विधायिका के जो भी मापदंड निर्धारित हो उन सभी मांगों पर हमारे बिहार की विधायिका सिस्टम साबित हो और ऐसा होना लाजमी भी है।क्योंकि बिहार लोकतंत्र की जननी है इतिहास गवाह है कि लोकतंत्र का विचार और व्यवहार यहां गाढ़ा गया तथा दुनिया में उसे आत्मसात किया।जिस महान सदन में हम बैठे हैं वहां भी एक से बढ़कर के 1 महापुरुषों ने लोकतांत्रिक मूल्यों एवं प्रतिक्रियाओं का श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
हमें उसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए राज्य और देश की जनता के सामने विधाई कार्य प्रक्रिया का एक उदाहरण पेश करना है। इस दिशा में बढ़ते हुए हमने भी अपने यहां उत्कृष्ट विधायक चुनने का विचार रखा है एक उतरी विधायक के क्या गुण होने चाहिए । उसके लिए क्या क्या मापदंड हो इस निर्धारित करने के लिए आप सभी के सुझाव भी अपेक्षित हैं। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में विधानसभा भवन शताब्दी स्तंभ का उद्घाटन होना है जिसका उद्घाटन के लिए भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आगमन संभावित है इस कार्यक्रम हेतु भी आपके समर्थन और रचनात्मक सहयोग की उम्मीद करता हूं।