बिहार के कटिहार जिला में और प्रशासन में उस वक्त हलचल बढ़ गई जब कलेक्ट्रेट के दरवाजे के साथ-साथ अन्य जगहों पर बाबरी मस्जिद से जुड़े विवादित पोस्टर लगे देखे गए। पोपुलर फ्रंट के नाम से लगाए गए इस पोस्टर में लिखा है कि – ‘एक दिन बाबरी मस्जिद का उदय होगा। 6 दिसंबर 1992 कहीं हम भूल न जाएं।’ पोपुलर फ्रंट (PFI) नामक संस्था के नाम से पोस्टर में दिल्ली का पता दिया हुआ है। स्थानीय लोगों ने पोस्टर देखने के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी। इस संबंध में एसपी विकास कुमार ने कहा पोस्टर चिपकाने से संबंधित सूचना मिली है। मामले की जांच की जा रही है। मामला विवादित प्रतीत होने पर संबंधित संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अलर्ट है।
बता दें कि 1992 में 6 दिसंबर के दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढ़ांचा को गिराया गया था। साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब उस जगह पर राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। अभी 2 दिन पहले ही गुरुवार को दरभंगा और पूर्णिया में एक साथ ईडी ने छापेमारी की। दरभंगा जिले में सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया के बिहार के जनरल सेक्रेटरी मो. सनाउल्लाह के घर पर छापेमारी की। टीम ने विदेशी फंडिंग को लेकर सनाउल्लाह के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। पूरी कार्रवाई के बारे में टीम के अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इनकार किया।
बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा तथा सीएए कानून लागू होने के विरोध में फंडिंग का भी आरोप है। ईडी की टीम ने पीएफआई के बिहार प्रदेश अध्यक्ष महबूब आलम से भी 6 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। टीम बैंक खाते, छात्रों को दी गई स्कॉलरशिप के कागजात के अलावा कई अन्य कागजात भी साथ ले गई। ईडी की टीम ने पीएफआई के पूर्णिया संगठन को लेकर भी ज्यादा जानकारी लिखित रूप से प्रदेश अध्यक्ष से ली है। इसके अलावा उनकी टीम में कौन-कौन लोग शामिल हैं, उनके परिवार में कौन लोग हैं, वह कब से संगठन से जुड़े हैं और उनकी आय का स्रोत क्या है, यह जानकारी भी प्रदेश अध्यक्ष से ली है।