डॉक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है लेकिन जमुई से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि क्या डॉक्टर को भगवान कहना सही है। दरअसल, डॉक्टरों की लापरवाही इस क़दर देखने को मिली कि मरीज़ ज़िंदगी से हाथ धो बैठा।
डॉक्टरों के गायब रहने से हुई मरीज़ की मौत
जमुई सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सक के गायब रहने से इलाज के अभाव में एक व्यक्ति की मौत हो गई। आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। जसके बाद उच्च अधिकारीयों द्वारा परिजनों को आश्वासन दिया गया तब जाकर परिजनों ने हंगामा करना बंद किया।
सिकंदरा थाना क्षेत्र का मामला
बताया जाता है कि रविवार को जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र के चंन्द्रवंशी टोला निवासी निवासी मोहन अपने बेटे को को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था, लेकिन इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी के दौरान चिकित्सक के गायब रहने के कारण इलाज नहीं हो सका।
इतना ही नहीं डॉक्टर की गैरमौजूदगी के कारण हुई मौत को देखकर अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी इमरजेंसी वॉर्ड से फरार हो गए।
सदर अस्पताल की व्यवस्था पर उठाए गए सवाल
लगभग आधे घंटे के हंगामे के बाद डॉ. इमरजेंसी वार्ड पहुंचे और संजय राम को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने सदर अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि चिकित्सक के लापरवाही के कारण इनकी मौत हुई है। यदि सही समय पर इनका इलाज होता तो शायद मौत नहीं होती। फ़िलहाल सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती को ने ड्यूटी से गायब रहे चिकित्सक पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बहरहाल बिहार में सरकार सदर अस्पतालों को संवारकर स्वास्थ्य सुविधा को शानदार बनाने की बात कहती है। जिसके चलते हर तरफ एक ही सवाल उठा- कहां हैं स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव अब देखने वाली बात यह होगी की इस मामले पर आगे क्या कार्यवाही की जाती है।