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आईजीआईएमएस के प्रसुती एवं गाईनी विभाग में डा. पूनम ने बिना जांच किये ही बच्ची को मृत घोषित कर दिया

नवजात शिशु का पोस्टमार्टम क्यों कराया जाता है। पीडि़ता अमृता कुमारी यह सूचना सुना तो उनका तबीयत और खराब हो गया है।

पटना : अस्पताल को भगवान के मंदिर की तरह देखा जाता है और डॉक्टरों को भगवान का रूप दिया जाता है। बिहार में सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान अनुसंधान सेंटर जहां पर मरीजों से आधा फीस लिया जाता है। वहां पर नवजात शिशु को मरा हुआ घोषित कर जिन्दा फेंका गया। जब हो-हल्ला हुआ तो डॉक्टरों एवं नर्स ने अपना पल्ला झाड़ दिया। इसके बाद परिजनों ने शास्त्रीनगर थाने प्राथमिकी दर्ज की गयी। 
उसके बाद नवजात शिशु का भी पोस्टमार्टम किया गया। आईजीआईएमएस महिला वार्ड के गाईनी विभाग में बिहार के सुदूर गांव देहाता से गरीब महिलाएं यहां इलाज कराने पहुंचती है मगर इलाज के बजाये वहां के नर्स अपने मोबाइल में व्यस्त रहती हैं और रोगी चिल्लाते रहते हैं। पिछले दिनों पटना जिला के राकेश कुमार नामक एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी अमृता कुमारी को प्रसव कराने हेतु आईजीआईएमएस पहुंचा, जहां आधा फीस लेकर महिला वार्ड में भर्ती किया गया। 
आईजीआईएमएस के प्रसुती एवं गाईनी विभाग के प्रमुख डा. पूनम के नेतृत्व में पीडि़ता अमृता कुमारी का इलाज हो रहा था लेकिन पूनम ने बिना अल्ट्रासाउंड किये कहा कि अमृता कुमारी का बच्चा पेट में एक महीने से मरा हुआ है जब 18 जुलाई की सुबह ऑपरेशन किया गया तो बच्ची जिन्दा थी जिसे वार्ड में फेंक दिया गया तथा उनके परिजनों से कहा गया कि कफन ले आईये। जब आस-पास के मौजूद लोगों ने देखा कि बच्ची अपनी आंख और मुंह खोल रही है तो आनन-फानन में बच्ची को नर्स के हवाले किया फिर बच्ची को नर्स ने पांच मिनट बाद मृत घोषित कर बाहर निकाल दिया। 
आस-पास के गरीब मरीजों ने जब हो-हंगामा किया तो उनके परिजनों ने शास्त्रीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। जहां एक तरफ सरकार द्वारा बेटियों को बचाने हेतु बड़े -बड़े बैनर और होडिंग लगाये जाते हैं वहीं आईजीआईएमएस में नवजात शिशु को मारने के लिए डॉक्टर खुद आगे रहते हैं। बिडम्बना यह है कि लोग दुर्घटना ग्रस्त होते हैं तो पोस्टमार्टम किया जाता है लेकिन जब डॉक्टर की लापरवाही हो फिर भी नवजात शिशु का पोस्टमार्टम क्यों कराया जाता है। पीडि़ता अमृता कुमारी यह सूचना सुना तो उनका तबीयत और खराब हो गया है। 
समाजसेवी गुडडू बाबा ने कहा कि आईजीआईएमएस संस्थान में इस तरह की लापरवाही होगी तो वह कितना दुखद होगा। जब नवजात शिशु के साथ इस तरह दुव्यर्वहार किया गया उसे तो  भगवान भी माफा नहीं करेगा।

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