पटना : बिहार विधान परिषद में आज भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रतिपक्ष के नेता राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर पीएमओ कार्यालय से संपर्क कर सीबीआई पर दवाब डालते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को फंसाने का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मंाग करने लगी। राबड़ी देवी के समर्थन में राजद एवं कांग्रेस सदस्यों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करने लगा।
इस मामले को लेकर सत्ता एवं विपक्षी सदस्यों के बीच तू-तू, मैं-मैं होने लगी। सदन में हो रही हंगामे पर उपसभापति हारूण रसीद ने राजद के पांच सदस्य दिलीप राय, सुबोध कुमार, खुर्शीद आलम, कमरे आलम एवं राधा चरण साह को दो दिन के लिए निलंबित कर दिया। इसके विरोध में राबड़ी देवी बेल में पहुंच धरने पर बैठ गयी।
सदन में हो हंगामा देख उपसभापति ने सदन अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दी फिर भी राबड़ी देवी राजद, कांग्रेस सदस्यों केसाथ धरने पर बैठी रही। वहीं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव राजद सदस्यों के निलंबन पर विधान परिषद पोर्टिको पहुंचकर राजद एवं कांग्रेस सदस्यों के धरने पर बैठ कर सरकार विरोधी नारे लगाये। सदन में हंगामे की खबर पर पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी वहां पहुंचे। पुलिस की चाक-चौबंद की व्यवस्था किया गया।
धरना पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह विधान पार्षद डा. मदन मोहन झा, विधायक विजय शंकर दूबे, ललित यादव,रामचन्द्र पूर्वे, अब्दुलबारी सिद्दीकी, शमीम अहमद, राजेन्द्र कुमार, दिनकर राम, शिवचन्द्र राम, समीर कुमार महासेठ, अनिल कुमार यादव, प्रेमा चौधरी, भुनेश्वर चौधरी, श्रीमती रेखा देवी, शक्ति सिंह यादव, सूबेदार दास, विजय प्रकाश, श्रीमती सावित्री देवी, राजेश कुमार, कुमार सर्वजीत, सीमा स्वीटी हेम्ब्रम बैठे थे। धरना पर बैठी राबड़ी देवी को मनाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे अपनी बातों पर अडिग रहने की बातें कर रात भर धरना पर बैठे रहने का ऐलान कर दिया। उनके द्वारा लिये गये कड़े फैसले के बाद सभापति ने राजद सदस्यों का निलंबन वापस ले लिया। निलंबन वापस लेते ही राबड़ी देवी ने भी धरना समाप्त कर दी।