हाजीपुर, (पंजाब केसरी) : उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल की अनुसंगी इकाई रेलटेल ने मार्च, 2019 में भारतीय रेल के साथ समझौता किया था, जिसके तहत मार्च, 2020 तक यह काम पूरा कर लिया जाना था। रेलटेल ने भारतीय रेल के 58 प्रतिष्ठानों में 50,000 से अधिक उपयोगकर्ता बना लिये हैं।भारतीय रेल के इन प्रतिष्ठानों ने ई.आफिस कार्यक्रम के तहत पेपरलेस कार्य-संस्कृति को अपना लिया है और इसके लिये अपने अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया है।
पूर्व मध्य रेल के मुख्यालय सहित सभी पांचों रेल मंडलों ने भी इस प्रणाली को अपना लिया है और इसकी कोशिश है कि आने वाले समय में अपने 50 हजार से ज्यादा फाइलों को डिजीटाइज कर इसे ई.आफिस प्लेटफार्म पर ले आया जाए । इसके लिए पूर्व मध्य रेल लगातार अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रही है जो लगभग अब पूर्णता की ओर अग्रसर है ।
ई.आफिस हर मायनों में पुरानी फाइल प्रणाली से बेहतर है। इस प्रणाली में पूरी पारदर्शिता कायम रहती हैए क्योंकि फाइल में एक बार जो चीज दर्ज हो जाती हैए तो उसके बाद वह फाइल सदैव बनी रहती है । फाइलों की निगरानी की प्रणाली भी मौजूद है। इसके अलावा फाइलों को तेजी से निपटाया जा सकता है और लंबित फाइलों का पूरा हिसाब-किताब देखा जा सकता है। ई.आफिस प्रणाली फाइलों के त्वरित निपटान और व्यवस्थित, लंबित फाइलों की समय पर निगरानी करने में सक्षम होगी। इस प्रणाली को अपनाकर पूर्व मध्य रेल जनता को बेहतर सुविधायें प्रदान करने में और सक्षम हो जायेगी। इसके अपनाए जाने से कामकाज के खर्च में काफी कमी आने की संभावना है । साथ ही साथ कागज एवं प्रिंटिंग में कमी आने की वजह से कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आती है।
उल्लेखनीय है कि ई.आफिस के कार्यान्वयन से पूर्व मध्य रेल के कार्यालय फाइलों के त्वरित निपटान और व्यवस्थितए लंबित फाइलों की समय पर निगरानी करने में सक्षम होगी।उपर्युक्त फायदों के साथ, पूर्व मध्य रेल जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए कार्य संस्कृति को बदल रही है। ई.ऑफिस कागज-रहित संस्कृति को बढ़ावा देता है जो न केवल परिचालन लागत को बचाएगाए बल्कि कार्बन फुटप्रिंट को भी कम करेगा। ई.ऑफिस कार्यान्वयन भारत सरकार के राष्ट्रीय ई.गवर्नेंस कार्यक्रम के तहत एक मिशन मोड प्रोजेक्ट एमएमपी है। परियोजना का उद्देश्य कागज रहितए अधिक कुशलए प्रभावी और पारदर्शी अंतर-सरकार और अंतर-सरकारी लेनदेन और प्रक्रियाओं की शुरूआत करना है।