लोक जनशक्ति पार्टी में तेज राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच सांसद चिराग पासवान को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने के प्रयास तेज हो गए हैं। पार्टी के संसदीय दल के प्रमुख चुने जाने के बाद चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस अपने सभी सांसद समर्थको के साथ आज पटना जाने की संभावना हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पशुपति पारस को संसदीय दल के प्रमुख बनाने के सांसदों के प्रस्ताव को कल ही मंजूरी दे दी थी।
लोजपा के छह सांसदों में से चार ने पारस को संसदीय दल का प्रमुख बनाने का पत्र लिखा था। पार्टी सूत्रों के अनुसार पारस के साथ सांसद प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी और महमूद अली कैसर पटना जायेंगे। लोजपा की वही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमे पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिए जाने की संभावना है। पारस को ही पार्टी का राष्टीय अध्यक्ष बनने के संकेत दिए गए हैं।
पारस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना की है और उन्हें विकास पुरुष बताया है। उनका मानना है कि पार्टी के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता चिराग पासवान की कार्यशैली से नाराज है। बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के छह लोकसभा सदस्यों में से पांच ने, दल के मुखिया चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने के लिए हाथ मिला लिया है और उनकी जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद के लिए चुन लिया है। हाजीपुर से सांसद पारस ने कहा, ‘‘ मैंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है।’’
उन्होंने कहा कि लोजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता पासवान के नेतृत्व में 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जद (यू) के खिलाफ पार्टी के लड़ने और खराब प्रदर्शन से नाखुश हैं। चुनाव में खराब प्रदर्शन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि लोजपा टूट के कगार पर थी। उन्होंने पासवान के एक करीबी सहयोगी को संभावित तौर पर इंगित करते हुए पार्टी में “असमाजिक” तत्वों की आलोचना की। पासवान से उस नेता की करीबी पार्टी के कई नेताओं को खटक रही थी। पारस ने कहा कि उनका गुट भाजपा नीत राजग सरकार का हिस्सा बना रहेगा और पासवान भी संगठन का हिस्सा बने रह सकते हैं।
चिराग पासवान के खिलाफ हाथ मिलाने वाले पांच सांसदों के समूह ने पारस को सदन में लोजपा का नेता चुनने के अपने फैसले से लोकसभा अध्यक्ष को अवगत करा दिया है। पांच सांसदों ने रविवार रात को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और चिराग पासवान की जगह पारस को अपना नेता चुने जाने के फैसले से उन्हें अवगत कराया। लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि उनके अनुरोध पर विचार किया जा रहा है।