पटना : हाल ही में चंद महीने पूर्व जब पटना के गायघाट शेल्टर होम में रह रही लड़कियों से यौन शोषण के मामले सामने आये तो इस खबर ने सत्ता के गलियारों में हड़कंप मचा दी थी। बिहार में इस प्रकार के मामले पहले भी आ चुके हैं लेकिन इसपर जिला प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। सरकार ने ढुलमुल रवैया अपनाते हुए इस केस को भी दबा दिया। घिसी पिटी कार्रवाई का आश्वासन देकर एसआईटी गठित की फिर पूरे केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
उक्त बातें लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश रौशन ने आज कहह। राकेश रौशन ने कहा कि 1000 पुरुषों पर 910 महिलाओं वाले राज्य बिहार में महिलाओं के शोषण के कई मामले सामने आए हैं लेकिन इन मामलों में कमी आने के बजाये इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। हर रोज छेड़खानी व रेप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सरकार कोई ठोस कदम उठाने के बजाए केसों को दबाने में लगी हुई है। पटना के गायघाट शेल्टर होम का मामला बहुत गंभीर है। हालाँकि पटना हाई कोर्ट में यह केस ट्रायल पर है लेकिन हमारे प्रदेश में ऐसी घटनाओं का होना बेहद शर्मनाक है तथा जिला प्रशासन व बिहार सरकार को इस घटना ने सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है।‘‘
आगे उन्होंने कहा कि, ‘‘ प्रशासन को मामले की तह तक जाना चाहिए थी और राज्य के सभी शेल्टर होम्स की निगरानी तेज करनी चाहिए थी। बिहार के शेल्टर होम्स के लिए पारदर्शी कानून बनाने की जरुरत थी ताकि हमारी बहन-बेटियों के लिए बिहार के शेल्टर होम्स सुरक्षित हो सके। बजाए इसके बिहार सरकार ने अपनी प्रशासनिक नाकामी छुपाने के लिए केस को ही ठंडा कर दिया। पीड़िता ने गम्भीर आरोप लगाते हुए ये कहा था कि यहां लड़कियों को नशे का सुई देकर गलत कार्य करवाया जाता है, जो इनकार करती है उसका भोजन पानी बंद कर दिया जाता है। इतने गम्भीर आरोप के बाद भी सरकार द्वारा अपनाया गया ढुलमुल रवैया चिंताजनक है। जो साफ जाहिर करती है कि सरकार को अपनी कुर्सी प्रदेश के बहु-बेटियों से अधिक प्यारी है।‘‘
आपको बता दें कि गायघाट शेल्टर होम का मामला तब सामने आया जब वहां से रिहा हुई गाजीपुर की एक लड़की ने दावा किया कि वहां बड़े पैमाने पर अनैतिक गतिविधियां हो रही हैं और शेल्टर होम की अधीक्षक सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं। राकेश रौशन ने बिहार सरकार पर गम्भीर आरोप लगाते हुए ये कहा कि सरकार ने जानबूझकर अपनी कुर्सी को बचाने के लिए इस केस को दबाया है, पीड़िता की आवाज को दबाने के लिए हर संभव कोशिश की गयी है। लेकिन अब मामला कोर्ट में है और आवाम को अब माननीय न्यायालय से ही उम्मीद है कि पीड़िता को इन्साफ मिलेगा क्योंकि इस सरकार से तो अब उम्मीद लगाना ही बेमानी है। आपको बताते चलें कि राकेश रौशन लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के प्रदेश स्तरीय सबसे ऊर्जावान युवा नेताओं में से एक है। चिराग पासवान ने इन्हें गत विधानसभा चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण सीट राघोपुर से अपनी पार्टी के टिकट पर मैदान में तेजस्वी यादव के खिलाफ उतारा था, जहां इन्होंने तेजस्वी यादव को जबरदस्त टक्कर दी थी।