पटना : राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार साहनी ने मजदूर रेल हादसे पर कहा कि देश की रेल पटरियों पर आज देश के अपने हाथों से विकास एवं निर्माण करने वाले असंगठित दिहाड़ी मजदूर जो इस लॉकडाउन में लाचार मजबूर एवं भूखमरी का शिकार हो रहे हैं आखिर इसका जिम्मेदार कौन है देश के आज 73 वर्ष आजाद हुए हो गये परन्तु देश के मज़दूर आज एक रोटी के लिए मुहताज है। इन मजदूरों को अपने ही गृह राज्यों में ऐसी व्यवस्था क्यों नहीं की गई जिससे इन गरीबों को घर पर ही रोजगार मिल जाते।
डॉ.साहनी ने कहा कि आज लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर रेल पटरी एवं सड़क मार्ग से अपने घर की ओर पैदल और भूखे प्यासे निकल पड़े हैं। ये मजदूर वर्ग को कोरोना वायरस से प्रभावित हो या न हो लेकिन इस प्रस्थिति में भूखे या रेल पटरी या सड़क पर दुर्घटना के शिकार हो कर काल के गाल में समा जायेगा इसकी चिंता नहीं है। इसी का परिणाम महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश जा रहे 16 मजदूरों की मृत्यु रेल पटरी पर हो गई।
उन्होंने कहा कि भीर भी संवेदनहीन प्रशासन एवं सरकारों को यह समझ नहीं आ रही हैं कि मजदूर हरहाल में अपने घर जाने के लिए आतुर हैं ये असंगठित मजदूरों अक्षित मजदूरों को घर जाने के लिए सरकार ने जो फार्म जारी किया है ये फार्म अंग्रेजी में हैं अब आप सोचिए कि हिंदी भाषी मजदूरों का यह अंग्रेजी में फार्म कौन भरेगा। केन्द्र की भाजपा सरकार हिन्दी के चलन को बढ़ावा देने वाली मानी जाती है मगर मजदूरों के गंभीर समय में अंग्रेजी में घर जाने वाला फार्म जारी करना भाजपा सरकार के संवेदनहीनता को ही दर्शाता है।
डॉ.साहनी ने कहा कि समय रहते मजदूरों को घर जाने के लिए सभी व्यवस्था सरकारों को करनी चाहिए जिससे ये असंगठित मजदूर बिना किसी प्रकार के परेशानी से अपने-अपने घर पहुंच सके। आज देश के व्यवस्था को गरीब वर्ग देख रहा कि व्यवस्था चलाने वाले क्या कर रहा है यदि यह वर्ग समझ गया कि यह व्यवस्था मजदूरों एवं गरीबों के विरोधी है तो ये देश के नव निर्माण कर्ता देश के व्यवस्था को ही बदल देंगे।