बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना और एईएस (एक्यूट एंसिफ्लाइटिस सिंड्रोम) का प्रभाव रोकने लिए हर मोर्चे पर तैयार है। माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के निर्देशानुसार एक मई से पूरे सूबे में डोर टु डोर स्क्रीनिंग की जाएगी, जिनमें सात जिले क्रमशः सीवान, बेगूसराय, नवादा, नालंदा, गया, मुंगेर और शेखपुरा में डोर टु डोर स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है। विभाग की बेहतर व्यवस्था का ही परिणाम है कि बुधवार को और एक मरीज सहित 65 संक्रमित कोरोना के काल से बाहर निकल चुके हैं। 30 नये मरीजों की पहली रिपोर्ट भी निगेटिव आई है, जिनमें अधिकतर को रिकवरी वार्ड में भेजा गया है। इसके अतिरिक्त दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद इन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
श्री पांडेय ने कहा कि संपूर्ण प्रदेश के अंदर घर-घर शुरू होने वाले स्क्रीनिंग के कार्य में वैसे गांवों कोे प्राथमिकता दी जाएगी, जहां अधिक संख्या में प्रवासियों का आगमन हुआ है। इन गांवों का स्क्रीनिंग कार्य संपन्न होने के बाद शेष बचे शत-प्रतिशत घरों की स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग टीमों के द्वारा चिह्नित किये गए सभी संदिग्ध व्यक्तियों को एवं जिलान्तर्गत संचालित सभी क्वारांटाइन सेंटरों में संदिग्ध लक्षण वाले व्यक्तियों का नमूना संग्रह कर जांच हेतु जिले से टैग किये गए प्रयोगशालाओं में भेजना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही जिला प्रतिरक्षण कार्यालय को उपलब्ध कराये गये गुगल शीट में सर्वेक्षण कार्य से संबंधित प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से प्रतिदिन ससमय राज्य को प्रेषित करने का निर्देश दिया गया है।
श्री पांडेय ने कहा कि एईएस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्व से अलर्ट है। एईएस मरीजों के लिए प्रभावित क्षेत्रों में अभी हाल में 18 एंबुलेंस भेजे गए हैं। 30 और एंबुलेंसों को अगले दस दिनों में प्रभावित क्षेत्रों में भेजने की योजना है, ताकि सुदूर क्षेत्रों से मरीजों को अस्पताल पहुंचने में विलंब न हो और आर्थिक बोझ भी नहीं पड़े। एईएस मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने वाले प्राइवेट एंबुलेंसों का किराया भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा 400 रुपये से बढ़ाकर दूरी के हिसाब से अलग-अलग स्लैब में 1200 रुपये तक कर दिया गया है। एईएस प्रभावित जिलों के डीएम को सघन जागरूकता अभियान चलाने के साथ-साथ पंचायत के अंदर उपलब्ध गाड़ियों का नंबर भी टैग करने का निर्देश दिया गया है, ताकि ट्रांसपोर्टेशन में कोई कठिनाई न हो।