पटना, (पंजाब केसरी) : सचिव सूचना एवं जन-संपर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की जो वर्तमान स्थिति है, उस पर नजर रखी जा रही है। माननीय मुख्यमंत्री के स्तर से उसकी प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है और सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। कल हुई समीक्षात्मक बैठक में माननीय मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि चूॅकि काफी समय से लाॅकडाउन चल रहा है इसलिये समाज की अंतिम पंक्ति में रह रहे लोगों पर विषेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है। सरकार द्वारा अत्यंत निर्धन एवं गरीब परिवारों को उपलब्ध करायी जा रही सहायता का पूरा लाभ उन्हें मिल रहा है या नहीं, इस संबंध में सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देष दिया गया है कि जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर यह सुनिष्चित
करें कि जो भी जरूरतमंद परिवार हैं, उन तक सरकार की योजनाओं का सही लाभ पहुॅचे।
श्री अनुपम कुमार ने बताया कि राशन कार्ड विहीन सुयोग्य परिवारों को जल्द से जल्द राशन कार्ड निर्गत हो सके, इसके लिए अनुमंडलों में बड़ी संख्या में ऑपरेटरों को लगाया गया है। इसके लिए सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है। अभी तक 1 करोड़ 35 लाख से कुछ
ज्यादा राशन कार्डधारी परिवारों को 1,000 रूपये की राशि उनके खाते में भेज दी गयी है। इसके अलावा जीविका और एन0यू0एल0एम0 द्वारा चिन्हित राशन कार्ड विहीन परिवारों में से अभी तक 18 लाख 5 हजार परिवारों को भी 1,000 रूपये की राशि उनके बैंक खाते में भेजी जा चुकी है और यह प्रक्रिया निरंतर चल रही है। उन्होंने बताया कि 8 लाख 88 हजार राषन कार्ड विहीन परिवारों के नये राषन कार्ड बनाये जा चुके हैं।
अलग-अलग हिस्सों से बिहार पहुँच रही हैं जिनमें 1 लाख 40 हजार 250 लोग ट्रेवल कर रहे हैं। कल के लिए 87 ट्रेनें शिड्यूल्ड की गयी हैं। इन ट्रेनों से 1 लाख 43 हजार 550 लोग ट्रेवल करेंगे। अन्य राज्यों से बिहार आने के इच्छुक हर प्रवासी मजदूर को सरकार बिहार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने अपील की है कि घबराए नहीं, धैर्य रखें, सभी इच्छुक लोगों को बिहार लाया जाएगा। इसके लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है। सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को साफ तौर पर निर्देष दिया गया है कि कोई भी प्रवासी पैदल चलते दिखें तो उन्हें वाहनों के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाय। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रखण्ड क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था के लिये एस0ओ0पी0 बनाया गया है, उसके मुताबिक लोगों को आवश्यक मदद दी जा रही है। सरकार पूरी क्षमता से काम कर रही है।
राहत केन्द्रों की संख्या 143 है, जिसका 75,757 लोग लाभ उठा रहे हैं। बाहर से काफी संख्या में आ रहे प्रवासी मजदूरों के कारण ब्लॉक क्वारंटाइन केन्द्रों की संख्या बढ़कर 10,353 हो गई है, जिसमें 7 लाख 45 हजार 881 लोग आवासित हैं। लॉकडाउन में बाहर फंसे लोगों से अब तक 2 लाख 20 हजार कॉल/मैसेजेज प्राप्त हुए हैं। प्राप्त कॉल/मैसेजेज के आधार पर संबंधित राज्य सरकारों एवं प्रशासन से समन्वय स्थापित कर उनकी समस्याओं का हरसंभव समाधान करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और इसके लिए विषेष प्रयास किये जा रहे हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हो सके। लॉकडाउन पीरियड में अब तक 2 करोड़ 77 लाख 40 हजार से ज्यादा मानव दिवस सृजित किये जा चुके हैं।
योजनायें हैं, उन पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस प्रकार लॉकडाउन या कोविड-19 संक्रमण के कारण हर फ्रंट पर जो भी कठिनाइयाँ आ रही है, उनके निराकरण को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। हर तरह की समस्याओं के त्वरित रूप से निष्पादन का प्रयास किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि अब तक कुल 55,692 सैंपल्स की जांच की गयी है जिसमें कोविड-19 के 1881 पॉजिटिव मामले मिले हैं। कल 2,711 सैंपल्स की जांच हुई थी जिनमें 197 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। प्रवासी
श्रमिकों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए टेस्टिंग क्षमता बढ़ायी जा रही है और इसे जिला स्तर पर भी किया जा रहा है ताकि सभी लोगों की जांच आसानी से की जा सके। पिछले 24 घंटे में 22 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं और अब तक 593 लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। 3 मई के बाद अब तक 999 प्रवासी व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। इसमें दिल्ली से 296, महाराष्ट्र से 253 और गुजरात से आने वाले 180 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
जुर्माने के रूप में वसूल किये गये हैं। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और लॉकडाउन का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।