लोजपा-(रामविलास) के वरिष्ठ नेता डॉ. सत्यानंद शर्मा एवं युवा लोजपा-(रा.) के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार पासवान ने कहा कि रामविलास पासवान का दिल्ली स्तिथ कोठी 12 जनपद को खाली कराना सरकार का दलित विरोधी कारवाई है। भारत मे अनेकों नेता हुए, जिनके मरणोपरांत सरकारी कोठी को उनके नाम पर स्मारक बना दिया गया। लाल बहादुर शास्त्री, बाबू जगजीवन राम,इन्दिरा गांधी,चौधरी चरण सिंह सहित देश के कई बड़े नेता हुए, जिनके निधन पर सरकारी कोठी को उनका स्मारक बना दिया गया।
सरकार को बंगला खाली कराने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा
रामविलास पासवान अन्तर राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त नेता थे। देश के करोड़ों दलितों के आशा के पुंज थे। गिनीज बुक ऑफ वल्ड में उनका नाम दर्ज है। देश भर के 70 करोड़ दलित,अतिपिछड़ा समाज स्व. पासवान को दलितोत्थान के मामले में डॉ. भीमराव अम्बेडकर के प्रतिमूर्ति के रूप में देखते थे।आज का दिन 30 मार्च देश के इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जायेगा क्योंकि बार-बार देश के हर कोने,हर समुदाय के लोगों के द्वारा 12 जनपद को स्व.रामविलास के स्मारक बनाये जाने की मांग किया जा रहा था जिसे सरकार ने ठुकरा दिया और आवास(कोठी) जिसमें रामविलास पासवान विगत 30 वर्षों से रह रहे थे। 6 बार केंद्रीय मंत्री रहकर देश हित में काम किया आज खाली करा दिया है। इसका खामियाजा सरकार को कालान्तर में भुगतना पड़ेगा।