दुसरे राज्यों से गरीब मजदूरो को लाने के लिए सरकार की अनदेखी ठीक नहीं:ललन कुमार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

दुसरे राज्यों से गरीब मजदूरो को लाने के लिए सरकार की अनदेखी ठीक नहीं:ललन कुमार

बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए पूछा कि आपके पास बस नहीं है या अब आपके बस में कुछ भी नहीं है।

पटना, (पंजाब केसरी) : बिहार में प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस लाने को लेकर विपक्षी दल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेर रहे हैं, मामला तब और तूल दे हो गया जब बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ये कह दिया कि दूसरे राज्यों से लोगों को लाने के लिए हमारे पास संसाधन नहीं हैं। बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए पूछा कि आपके पास बस नहीं है या अब आपके बस में कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि संसाधन की कमी वाले बयान सिर्फ  बहानेबाजी है।  आज अगर इन्हीं नेताओं को पटना के गांधी मैदान में रैली करनी हो तो पूरा शहर बसों से भर देंगे। ललन कुमार ने कहा कि मानव श्रंखला बनाने और हेलीकॉप्टर से उसकी वीडियोग्राफी कराने में अरबों रूपया खर्च हो सकता है, बड़े नेताओं के दौरे से पहले रातोंरात नई सडक़ बनाई जा सकती है, विधायकों की सैलरी बढ़ाई जा सकती है, इन सब कामों के लिए सरकार के पास पैसा है । मगर बात जब गरीबों, मजदूरों, छात्रों को लाने की होती है संसाधन की कमी का रोना रोया जाता ह। कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार में 21 लाख बिहारियों को लाना मुश्किल, बाढ़ पर काबू करना मुश्किल, युवाओं को रोजगार देना मुश्किल, फंसे हुए छात्रों, मजदूरों को लाना मुश्किल, अगर हर काम मुश्किल ही है तो सत्ता में क्यों बैठे हुए हैं। अब सरकार ही बता दें कि उसके लिए कौन सा काम आसान है वरना कुछ दिनों के बाद जनता इनकी छुट्टी कर देगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three + 7 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।