गंगा-जमुनी तहजीब का देश भारत को कहा जाता है। हिन्दू ईद के खास मौके पर मुसलमानों के घर जाकर उन्हें ईद की बधाई देते हैं और साथ ही सेवईयों से मुंह मीठा करते हैं। इतना ही नहीं होली और दीवाली का त्योहार हिन्दुओं के साथ मुसलमान मानते हैं।
भारत की ऐतिहासिक विश्वविद्यालय बिहार के नालंदा जिले कभी था। यहां पर मारी नाम का गांव है जिसकी कहानी बहुत ही दिलचस्प है। इस गांव में हिंदू और मुसलमान एक समय में साथ रहते थे।
मस्जिद की देखभाल हिन्दू करते हैं
समय का पहिया बढ़ा और इस गांव में रहने वाले मुसलमान बेरोजगारी के चलते यहां से चले गए। इस समय में एक भी मुस्लिम परिवार यहां नहीं रहता है। नमाज अता करने के लिए इस गांव में मुसलमानों ने उस समय पर मस्जिद बनाई थी।
बेरोजगारी जैसे-जैसे बढ़ने लगी मुसलमान गांव छोड़ कर जाने लगे तो उसके बाद मस्जिद की देख-रेख नहीं होती थी। उसके बाद गांव में रहने वाले हिन्दुओं ने मस्जिद की देख-रेख करनी शुरु की।
नमाज अता होती है पेन ड्राइव की मदद से
गांव में अब एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है लेकिन इस मस्जिद में सब कुछ वैसा ही होता है। जैसे मुस्लिम परिवारों के रहने से मस्जिद में तब होता था।
Nalanda: Hindu residents of Mari village take care of a mosque & play azaan with the help of pen-drive; say, “It’s a very old mosque. There are no Muslim residents here now. So Hindus take care of the mosque. After a wedding, newly-weds come here first to take blessings”. #Bihar pic.twitter.com/xKXBuAST2G
— ANI (@ANI) August 29, 2019
यहां पर समय से नमाज अता पेन ड्राइव की मदद से करते हैं। गांव में जो हिन्दू रहते हैं वह नमाज अता इस मस्जद में आकर करते हैं।
जुटे हिन्दू ग्रामीण मस्जिद को बचाने में
गांव के इस पुराने मस्जिद को बचाने के लिए यहां के हिन्दू लोग दीवारों पर पुताई, साफ-सफाई और परिसर में सही समय पर नमाज अता करने का सारा इंतजाम करते हैं।