पटना : केन्द्र सरकार ने संविधान में संशोधन कर आर्थिक रूप से गरीब सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है इसमें किसी तरह का हस्ताक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार कानूनी सलाह-मशविरा ले रही है। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के बाद लागू कर दी जायेगी। ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि बिहार में पिछड़े वर्ग का आरक्षण दो कैटेगरी नेक्चर-1 पिछड़ा वर्ग नेक्चर-2 अतिपिछड़ा वर्ग के रूप में लागू है। उसका लाभ पिछड़ा, अतिपिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों को मिल रहा है।
केन्द्र सरकार ने 1990 के दशक में पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों को मंडल कमीशन की सिफारिश को लागू किया , उसमें क्रीमी लेयर के अभ्यार्थियों को आरक्षण से अलग किया गया है। जबकि एससी-एसटी का आरक्षण पहले से मिल रहा है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 1931 में जातिय आधारित जनगणना की गयी थी उसके बाद अब तक जातिय जनगणना नहीं किया गया। हमारी मांग है कि अब 2021 का जनगणना जातिय आधारित होना चाहिए। क्योंकि एससी-एसटी की जनगणना हो जाती है उसी आधार पर जातिय जनगणना अलग होनी चाहिए। इससे पता चलेगा कि किस जाति का कितना जनसंख्या है उसी के तर्ज पर आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव समय पर होंगे। जदयू का मजबूत गठबंधन भाजपा एवं लोजपा के साथ है।
हम लोग बजट सत्र के बाद सीट ही नहीं उम्मीदवारों की घोषणा कर देंगे कि कौन उम्मीदवार कहां से किस दल का होगा। हमारी पार्टी एनडीए का पार्ट है, एनडीए में ही रहकर चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री एक सवाल के जवाब में कहा कि लोकसभा का चुनाव ईबीएम मशीन में लगे वीवी पैट के माध्यम से होना चाहिए। हमने केन्द्रीय चुनाव आयोग को हाल ही में बिहार दौरे पर आयी थी उसमें एक सुझाव यह भी दिया गया कि मतदाताओं के वोटर पर्ची हर घर के सदस्यों के हाथों में पहुंचे ताकि दूसरे के पर्ची का उपयोग कर फर्जी मतदान नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी अयोध्या में राम मंदिर, तीन तलाक एवं नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान नहीं करेगी।
यह हमारी पार्टी का शुरू से स्टैण्ड है उस पर हम कायम रहेंगे। बिहार को विशेष राज्य के दर्जा के मांग मेरा ही नहीं सर्वदलीय नेताओं की भी है। हमारी मांग जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मॉब लीचिंग की घटनाएं गौ रक्षा से संबंधित दूसरे राज्य की घटनाएं है। वहीं मॉब वायस की घटनाएं शुरू से हो रही है जो लोग भीतर ही भीतर कुंठा के शिकार, कमजोर व कायर मानसिकता के लोग अंजाम देते हैं इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा देने का प्रावधान है। इस अवसर पर कृषि मंत्री डा. प्रेेम कुमार, मंत्री राजीव रंजन सिंह, मंत्री मंगल पांडे, विजय कुमार सिन्हा, कृष्णनंदन वर्मा, श्रवण कुमार, मुख्य सचिव दीपक प्रसाद, डीजीपी के एस द्विवेदी, अपर मुख्य सचिव आर के महाजन समेत अन्य लोग उपस्थित थे।