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जेल जाने से बचना है तो भाजपा के आगे घुटने टेकने होंगे: उपेंद्र कुशवाहा

विधानसभा चुनाव में भाजपा एवं शिवसेना तथा कांग्रेस एवं राकांपा गठबंधन के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे। भाजपा एवं शिवसेना के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद सरकार का गठन नहीं हो पाया।

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने महाराष्ट्र की राजनीति में रातोंरात हुए नाटकीय बदलाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सहयोग से एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने को लेकर राकांपा पर कटाक्ष करते हुए आज कहा कि भ्रष्टाचार के डर से जेल जाने से बचना है तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आगे घुटने टेकने होंगे। 
कुशवाहा ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर ट्वीट कर कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के डर से जेल जाने से बचना है तो भाजपा के आगे घुटना टेकना होगा। महाराष्ट्र में रातोरात बैठक हुई, सहमति बनी, निर्णय हुआ, महामहिम से समय मांगा, समय मिला, सरकार बनाने का दावा पेश हुआ, राष्ट्रपति शासन हटाने की प्रक्रिया भी हुई, महामहिम राज्यपाल जी ने आमंत्रित किया और अहले सुबह शपथ ग्रहण हो गया। वाह ! क्या सर्जीकल स्ट्राइक हुआ है लोकतंत्र पर।’’ 
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव 21 अक्टूबर को हुए थे और परिणाम 24 अक्टूबर को आये थे। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को सर्वाधिक 105, शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुईं थीं। बहुमत के लिए 145 प्रत्याशियों का समर्थन आवश्यक है। 


विधानसभा चुनाव में भाजपा एवं शिवसेना तथा कांग्रेस एवं राकांपा गठबंधन के रूप में चुनावी मैदान में उतरे थे। भाजपा एवं शिवसेना के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद सरकार का गठन नहीं हो पाया। शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर दावा कर दिया था जिसे भाजपा ने स्वीकार नहीं किया। कई दिनों तक गतिरोध कायम रहने के कारण राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। 

चुनाव के बाद एक महीने तक चले राजनीतिक गतिरोध के बाद अचानक एक बड़ सियासी उलटफेर में शनिवार को भाजपा ने राकांपा के एक धड़ के साथ गठजोड़ करके आनन फानन में सरकार बना ली। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह करीब साढ़ सात बजे  देवेन्द फड़नवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा के  अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई ।

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