पटना : 22 साल पुराने अलकतरा घोटाला से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मंत्री व राजद विधायक इलियास हुसैन को सीबीआई की विशेष अदालत ने पांच साल की सजा और 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पिछले दिनों हुई सुनवाई में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में कोर्ट ने विधायक इलियास हुसैन समेत सात लोगों को आरोपित किया गया था। जिसमें विधायक इलियास हुसैन को पांच साल की कैद और 20 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले दिनों सीबीआई की विशेष अदालत में न्यायाधीश ए. के. मिश्रा की अदालत ने अलकतरा घोटाला से जुड़े वर्ष 1997 में कांड में सुनवाई करते हुए सजा को 22 फरवरी तक के लिए सुरक्षित रखा था। जिसको लेकर शुक्रवार को सजा का ऐलान कर दिया गया। जिसमें बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन, मंत्री के सचिव साहबुद्दीन बेग, खरीद एवं परिवहन विभाग के निदेशक केदार पासवान, उपनिदेशक मुजताबा अहमद, कार्यपालक अभियंता रामानंद राम, सेक्शन पदाधिकारी शोभा सिन्हा एवं ट्रांसपोर्टर आपूर्तिकर्ता डी. एन. सिंह को आरोपित किया गया था।
अलकतरा घोटाले का यह मामला वर्ष 1994 का है। जब रोड डिवीजन द्वारा चतरा में सडक़ों का निर्माण किया जा रहा था। इस दौरान हल्दिया ऑयल रिफायनरी कोलकाता से अलकतरा आना था, परन्तु तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन और इंजीनियरों ने कंपनी से सांठ-गांठ करके सरकार को करोड़ो का नुकसान पहुंचाया। इस मामले में हुए सीबीआई जांच में सुबूत प्राप्त हुए।
जिसमें इस बात की जानकारी प्राप्त हुई कि 3266 मीट्रिक टन अलकतरा अवैध तरीके से बेच दिया गया़ जिसकी कीमत उस समय 1.57 करोड़ रुपये थी पूर्व मंत्री इलियास हुसैन ने इस मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की थी जिसको न्यायमूर्ति आनंद सेन ने खारिज करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार का यह बहुत गंभीर मामला है। बता दें कि गुमला जिले में वर्ष 1991 से 94 के बीच अलकतरा की आपूर्ति में अनियमितता के मामले में सीबीआई अदालत ने इलियास हुसैन को चार साल की कैद की सजा सुनायी थी। इस दौरान उनपर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।