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बिहार में डबल इंजन की सरकार के बावजुद प्रवासी श्रमिक मौत की गोद में सोने को मजबूर: राजेश राठौड़

राजेश राठौड़ ने कहा कि इन मौतों के लिए अभी तक केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार ने जांच कराने के बाद भी नहीं कही है। इतना ही नहीं श्रमिकों के मौत का चार लाख कीमत लगा कर राज्य सरकार तो अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लिया है।

पटना : बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने लॉकडाउन के दौरान बिहार लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की मौत को लेकर बड़ा प्रश्न उठाया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल दागते हुए पूछा है कि आखिर बिहार लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के सडकों-ट्रेनों में हो रही मौत का जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह बताए की जनता आखऱि इन मौतों के पीछे प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री किसको जिम्मेदार माने। 
बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है तथा देश में नरेंद्र मोदी के सरकार हैं। बिहार में तो भाजपा-जदयू दोनों की डबल इंजन की सरकार चल रही है। इसके बावजूद बिहार लौट रहे प्रवासी श्रमिक असमय मौत के गोद में सोने को विवश हैं। लॉकडाउन का फैसला देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का था। वहीं प्रवासी श्रमिकों को सकुशल बिहार में उनके गांव तक पहुंचाने की जिम्मेदारी केंद्र तथा राज्य सरकार की संयुक्त रूप से थी। दोनों ही सरकारों ने भली-भांति अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाया। उल्टा इस महा आपदा की घड़ी में भी दोनों सरकारी बस जनता को भरमाने के प्रयास में लगी रही। जिसका नतीजा यह हुआ कि बड़ी संख्या में अपने गांव को लौट रहे प्रवासी श्रमिक कहीं सडक़ दुर्घटना तो कहीं भूख प्यास के कारण असमय काल के गाल में समा गए। 
राजेश राठौड़ ने कहा कि इन मौतों के लिए अभी तक केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार ने जांच कराने के बाद भी नहीं कही है। इतना ही नहीं श्रमिकों के मौत का चार लाख कीमत लगा कर राज्य सरकार तो अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आज सत्ता में बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह भूलना नहीं चाहिए कि देश तथा राज्य की जनता आने वाले समय में इन्हें किसी हाल में माफ  नहीं करेगी।

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