बिहार विधानसभा चुनावों में नेता अपने वोटर्स को लुभाने की जुगत में लगे हुए है। सभी नेता अलग-अलग तरह के हथकंडे भी आजमा रहे हैं। इसी बीच गया शहर विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के प्रत्याशी मोहम्मद परवेज आलम सुर्खियों में आ गए हैं। ऐसा इस लिए हो रहा है क्योकि वह अपना प्रचार भैंस पर बैठकर कर रहे हैं। यही कारण है जिसकी वजह से नेताजी पर कानूनी डंडा चल गया और सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज हो गया। उनके ऊपर पशु क्रूरता अधिनियम के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन ना करने का केस दर्ज हो गया है।
इस पुरे मामले पर मोहम्म्द परवेज आलम का कहना है कि उनके पास महंगी गाड़ी खरीदने के लिए पैसा नहीं है। मेरे पास संपत्ति के नाम पर भैंस है। जिसकी पास कार होती है वो कार पर प्रचार करता है मेरे पास भैंस है तो मैं भैंस पर बैठकर प्रचार कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि शहर में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसलिए हम भैंस पर चढ़े हैं, ताकि प्रदूषण ना फैले।
कई लोगों ने किया परवेज का समर्थन
परवेज आलम की प्रदुषण ना फैलाने वाली सोच का राज्य के कई लोगों ने समर्थन भी किया है, लेकिन सिविल लाइन के थानेदार ने परवेज को नियम का ऐसा पाठ-पढ़ाया कि नेताजी को महंगा पड़ गया और उनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज हो गई।
सिविल लाइन थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि पशु क्रूरता अधिनियम व सोशल डिस्र्टेंसग का पालन नही करने को लेकर नेता परवेज आलम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनका कहना है कि अगर आगे भी जो लोग नियम तोड़ेंगे, उन पर कार्रवाई जरूर होगी।