केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के कयासों के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार दिल्ली रवाना हो गए। संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं से मिल सकते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना के बीच मुख्यमंत्री की इस दिल्ली यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वैसे, पार्टी के नेता मुख्यमंत्री की इस यात्रा को व्यक्तिगत बता रहे हैं।
जदयू के सूत्रों की मानें तो जदयू इस मंत्रिमंडल विस्तार में अपनी भागीदारी तय मान रहा है। जदयू के नेता भी इसके संकेत दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग की दूसरी बार सरकार बनने के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के भाजपा के प्रस्ताव को जदयू ने ठुकरा दिया था, लेकिन अब परिस्थितियां बदली नजर आ रही है और केंद्र में शामिल होने के लिए जदयू उत्सुक है।
जदयू के अध्यक्ष आर सी. पी. सिंह ने भी कहा कि उनकी पार्टी राजग में शामिल है, जदयू को उसकी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि अगर जदयू जल्द या बाद में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो जाए। सिंह ने हालांकि यह भी कहा कि नीतीश की दिल्ली यात्रा व्यक्तिगत कारणों से है, और इसे राजनीतिक कारणों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। जदयू के पास 16 लोकसभा और पांच राज्यसभा सांसद हैं।
भाजपा के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में भाजपा नीतीश कुमार के जरिए पूर्वांचल और आसपास के क्षेत्रों में ओबीसी वोटों को लुभाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस बीच, सूत्रों का दावा है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री तीन दिनों तक रूक सकते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा अब तक उनके कार्यक्रमों को साझा नहीं किया गया है।
जदयू के एक नेता बताते हैं कि मुख्यमंत्री दिल्ली में स्वास्थ्य जांच के लिए गए है। इस दौरान हो सकता है कि वे राजग के नेताओं से भी मिल सकते हैं। इधर, केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में बिहार भाजपा के भी एक से दो नेता के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। लोजपा के नेता और सांसद पशुपति पारस गुट के एक सूत्र ने कहा कि पारस को भी संभावित केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल किया जा सकता है। पारस पहले ही कह चुके हैं कि केंद्रीय मंत्री बनने पर वह लोजपा गुट के संसदीय दल के नेता का पद छोड़ देंगे।
जदयू अध्यक्ष सिंह ने सोमवार को मीडिया से कहा कि हम भाजपा के साथ रहे हैं और दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व में कोई तनाव नहीं है। जब भी हम केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होंगे, हमेशा बेहतर समन्वय होगा।