बिहार में पिछले साल विधानसभा चुनाव में राज्य में तीसरे नंबर की पार्टी बनने के बाद जनता दल (युनाइटेड) ना केवल संगठन विस्तार में जुटी है बल्कि लोगों से सीधे तौर पर जुड़ने का प्रयास भी कर रही है। माना जा रहा है कि यही कारण है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर जनता दरबार लगाने लगे। राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के विलय के जनता दल (युनाइटेड ) में विलय के बाद जदयू में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद से ही वे संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं।
पहले इसकी जिम्मेदारी अध्यक्ष आर सी पी सिंह खुद संभालते थे, लेकिन कहा जा रहा है केंद्रीय मंत्री बनने के बाद वे इस कार्य में ज्यादा समय नहीं दे रहे हैं। इधर, कुशवाहा संगठन और आम लोगों से पार्टी को जोड़ने का अभियान लेकर ‘बिहार यात्रा’ पर निकले हैं। कुशवाहा प्रत्येक जिले में पुहंच रहे हैं और जमीनी कार्यकर्ताओं से मिलकर उनमें उत्साह का संचार कर रहे हैं। जदयू के एक नेता भी नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम में पार्टी के रणनीतिकारों को पार्टी को मजबूत करने के लिए फिर से रणनीति बनाने को मजबूर कर दिया।
उन्होंने कहा कि पार्टी के बडे नेता भी मानते हैं कि राज्य में भले ही राजग की सरकार बन गई हो, लेकिन ‘बडे भाई’ की भूमिका में सहयोगी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पहुंच चुकी है। पार्टी के नेता फिर से कार्यकर्ताओं में जोश भरने में जुटे हैं। कुशवाहा अलग-अलग चरणों में बिहार के सभी जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी समस्याओं को भी जान रहे हैं और संगठन की मजबूती को लेकर काम भी कर रहे हैं। इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जनता दरबार कार्यक्रम प्रारंभ कर चुके हैं।
कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पहले भी विभिन्न यात्राओं के माध्यम से विकास योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए राज्य का दौरा करते थे तथा जनता दरबार भी लगाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे बंद कर दिया। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री फिर से जनता दरबार कार्यक्रम में शामिल होकर लोगों की समस्या सुन रहे हैं और उसके निराकरण के लिए निर्देश दे रहे हैं।
इधर, जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहचान अलग प्रकार की राजनीति रही है। वे राजनीति के साथ समाज सुधार को भी प्राथमिकता में रखते हैं। उन्होंने कहा कि सभी दल अपने संगठन के विस्तार में लगे रहते हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से सीधे संवाद के लिए कई कार्यक्रम प्रारंभ किए। जनता दरबार के जरिए मुख्यमंत्री एकबार फिर लोगों से सीधे संवाद प्रारंभ कर उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं और उसका निराकरण कर रहे हैं।