बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के गोपालगंज जिले में एक छोटे पुल के संपर्क पथ के क्षतिग्रस्त होने को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ जारी हमले पर पलटवार करते हुए कहा कि इस मामले में श्री यादव झूठ बोल रहे हैं और वह अफवाहों के बल पर सियासत करने का प्रयास कर रहे हैं।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने गुरुवार को यहां कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव संवेदनशील मुद्दों पर भी अफवाहों का इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण उनके द्वारा सत्तरघाट पुल को क्षतिग्रस्त बताना है। यह पूर्णत: झूठा एवं बेबुनियाद है। दरअसल, सत्तरघाट पुल से गोपालगंज की तरफ दो किलोमीटर के बाद एक 18 मीटर के छोटे पुल का पहुंच पथ अत्यधिक जल दबाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है।
श्री प्रसाद ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि न तो सत्तरघाट पुल और न ही उसके दो किलोमीटर बाद स्थित छोटा पुल टूटा है। इस तरह के शरारतपूर्ण बयानों के जरिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव केवल अपनी भद पिटवा रहे हैं। वह फेक वीडियो, झूठ और अफवाहों के बल पर कबतक राजनीति करेंगे। वह अपनी विश्वसनीयता को खुद सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है कि हाल के दिनों में नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में काफी बारिश हुई है, जिससे गंडक नदी में पानी का अत्यधिक दबाव होने के कारण यह पहुंच पथ क्षतिग्रस्त हुआ है और जैसे ही पानी का दबाव कम होगा इसे ठीक कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है, ‘‘आठ वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तरघाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था, आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो ? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है।’’ जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को विधानसभा चुनाव के सवाल को लेकर दीवारों पर लिखी इबारत से स्वयं एवं उनकी पार्टी का भविष्य पढ़ लेना चाहिए। चुनाव प्रचार परंपरागत तरीके से हो या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये, यह तो चुनाव आयोग तय करेगा लेकिन दोनों परिस्थितियों में राजद का पूर्ण सफाया तय है। इसीलिए, श्री यादव चुनाव टालने के लिए अजीबो-गरीब तर्क देते दिख रहे हैं। दरअसल बार बार यह मांग दोहराना उनका बाल हठ है।