पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में उनकी पार्टी जदयू के शामिल होने के लिए ताजा बातचीत होने की अटकलों को खारिज कर दिया। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर आज यहां आयोजित एक राजकीय कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने जब नीतीश कुमार से जद (यू) द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा संसद में उसके प्रतिनिधित्व के आनुपातिक पेशकश किये जाने की स्थिति में मंत्रिमंडल में शामिल होने की इच्छा व्यक्ति किये जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने इसे ‘फालतू’ करार दिया।
उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई है। सब फालतू बात है। इस बारे में सवाल जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता के सी त्यागी द्वारा बुधवार को राजधानी दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद दिये बयान से उत्पन्न हुए। संवाददाताओं ने जब बृहस्पतिवार को त्यागी से कुमार के इनकार के आलोक में सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई अंतर्विरोध नहीं है। मैंने कहा था कि यदि मोदी या शाह की ओर से आनुपातिक प्रतिनिधित्व की पेशकश आती है तो हम उसका स्वागत करेंगे। यद्यपि हमने यह कभी नहीं कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल कोई है।’’
नीतीश कुमार ने दोबारा पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद अपनी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद को संबोधित किया था। इसके बाद जद (यू) ने भाजपा को याद दिलाया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार में भाजपा को आनुपातिक प्रतिनिधित्व दिया है। पार्टी महासचिव के सी त्यागी ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उल्लेख किया कि 2017 में दोनों पार्टियों के हाथ मिलाने के बाद कुमार ने भाजपा को मंत्री पदों के अलावा उपमुख्यमंत्री का पद भी दिया।